हिमाचल में आज से नहीं चलेंगी निजी बसें, लोगों को करना पड़ेगा दिक्कतों का सामना

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प्रदेश में सोमवार से निजी बस ऑप्रेटर्ज हड़ताल पर जाएंगे। काफी समय से बस ऑप्रेटरों ने हड़ताल पर जाने का सरकार को अल्टीमेटम दे रखा था लेकिन सरकार द्वारा कोई बात न बनती देख अब उन्होंने हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया है। ऐसे में एक ओर कोरोना और ऊपर से बसों के न चलने से लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। बीते सप्ताह निजी बस ऑप्रेटरों की सरकार से अपनी मांगों को लेकर बातचीत हुई थी लेकिन किसी मुद्दे पर बात बिगड़ गई थी। हालांकि परिवहन मंत्री ने उन्हें आश्वासन दिया था लेकिन बस ऑप्रेटर्ज अपनी मांग पर अड़े हुए हैं, जिस कारण ऑप्रेटरों ने अब अनिश्चितकाल के लिए हड़ताल पर जाने का ऐलान कर दिया है। वहीं परिवहन सेवा से जुड़े टैक्सी व टैंपो ऑप्रेटरों ने भी निजी बस ऑप्रेटरों का साथ देने का ऐलान किया है। यूनियन की प्रमुख 3 मांगें हैं, जिनमें मुख्य तौर पर पथ कर, वर्किंग कैपिटल और टोकन टैक्स माफ करने की मांग शामिल है

अतिरिक्त बसें चलाएगा एचआरटीसी

निजी बस ऑप्रेटरों की प्रदेशव्यापी हड़ताल को देखते हुए सरकार ने अतिरिक्त बसें चलाने का फैसला लिया है। एचआरटीसी ने सभी डिपो प्रभारियों को निर्देश जारी कर दिए हैं कि लोगों को दिक्कत न हो, इसके लिए सभी डिपुओं से बसों का संचालन किया जाए।

क्या कहते हैं मिनी बस ऑप्रेटर्ज संघ के अध्यक्ष

वहीं मिनी बस ऑप्रेटर्ज संघ के अध्यक्ष रमेश कमल ने कहा कि हमने कई बार प्रदेश सरकार को अपनी मांगों को लेकर अवगत करवाया लेकिन सरकार हमारी मांग मानने को तैयार नहीं। उन्होंने कहा कि ऐसे में हमने भारी मन से यह फैसला लिया है कि जब तक हमारी मांगें नहीं मानी जाएंगी, हम हड़ताल पर रहेंगे। वैसे भी कोरोना काल में मिनी बस ऑप्रेटरों की हालत काफी खस्ता हो गई है। सरकार को इस ओर भी ध्यान देना चाहिए था।

 

क्या बोले सिटी बस ऑप्रेटर्ज के अध्यक्ष

उधर, सिटी बस ऑप्रेटर्ज के अध्यक्ष सुनील चौहान ने कहा कि राजधानी शिमला में लगभग 150 निजी बसें हैं, जो आज से अपने रूटों पर नहीं चलेंगी। उन्होंने लोगों की सुविधा के लिए खेद भी व्यक्त किया लेकिन उन्होंने अपनी मजबूरी बताते हुए हड़ताल में जाने का निर्णय लिया है।

 

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक