हिमाचल प्रदेश में ब्लैक फंगस का पहला मामला, आईजीएमसी में हो रहा है महिला का उपचार

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हिमाचल प्रदेश के आईजीएमसी अस्पताल शिमला में ब्लैक फंगस का पहला मामला सामने आया है। कोविड पॉजिटिव महिला मरीज को अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में सभी मरीजों से अलग रखा गया है। हमीरपुर जिले के खागर की महिला मरीज को नेरचौक मेडिकल कॉलेज से रेफर किया गया है। महिला के नाक के पास ब्लैक फंगस है। आईजीएमसी के एमएस डॉ. जनक राज ने इसकी पुष्टि की है।

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शुगर और बीपी की मरीज यह महिला 4 मई को कोरोना पॉजिटिव आई थी। 8 मई को सांस की तकलीफ के चलते उसे हमीरपुर से नेरचौक रेफर किया गया। बुधवार को महिला को यहां से आईजीएमसी के लिए रेफर किया गया। बताया जा रहा है कि महिला की हालत स्थिर है। हालांकि वीरवार को इस मामले की जानकारी जब अस्पताल के अन्य चिकित्सकों को भी हुई तो हड़कंप मच गया।

डॉक्टरों को लगा कि यह ब्लैक फंगस की संदिग्ध मरीज है, जिसे लेकर जानकारी एकत्र करनी चाही। बताया जा रहा है कि बीमारी का और अधिक पता करने के लिए ईएनटी विभाग के चिकित्सकों ने महिला के नाक से सैंपल भी लिया है। इसे जांच के लिए माइक्रोबायोलॉजी और पैथोलॉजी विभाग में भेजा है, जिसकी रिपोर्ट आनी बाकी है।

ऑपेरशन के लिए ईएनटी, डेंटल और न्यूरो के डॉक्टरों करेंगे मदद

आईजीएमसी में भर्ती ब्लैक फंगस से पीड़ित महिला का ईएनटी विभाग के चिकित्सक ऑपरेशन कर सकते हैं। अगर मदद की जरूरत पड़ी तो डेंटल के अलावा न्यूरो के डॉक्टरों की भी सेवा ली जाएगी। आईजीएमसी के कॉलेज प्राचार्य डॉ. रजनीश पठानिया ने बताया कि डॉक्टरों की एक अलग कमेटी इस तरह के मामलों की जांच के लिए बनी हुई है।

बता दें कि कोरोना महामारी के बीच ब्लैक फंगस बीमारी भी तेजी से फैल रही है। इससे जान भी जान सकती है। बीते साल दिसंबर में सबसे पहले दिल्ली में इसके केस सामने आए, फिर अहमदाबाद, राजस्थान, पंजाब समेत उत्तर भारत के कई राज्यों में  मामले मिले। ये एक फंगल बीमारी है, जो म्यूकरमायोसिस नाम के फंगाइल से पैदा होती है। ये ज्यादातर उन लोगों को होता है, जिन्हें पहले से कोई बीमारी हो।

फंगस शरीर में कैसे पहुंचता है

सांस के जरिये वातावरण में मौजूद फंगस हमारे शरीर में पहुंचते हैं। शरीर में कहीं घाव हो तो वहां से भी ये शरीर में फैल सकता है। इसकी शुरुआती दौर में पहचान नहीं की, तो जानलेवा साबित भी हो सकती है। इससे आंखों की रोशनी जा सकती है।

फंगस के लक्षण

शरीर में अगर इन्फेक्शन हैं तो चेहरे का एक तरफ से सूजना, सिरदर्द, नाक बंद होना, उल्टी, बुखार, चेस्ट पेन, साइनस कंजेशन, मुंह के ऊपरी हिस्से या नाक में काले घाव होना इसके लक्षण हैं।

किन लोगों को होता है इंफेक्शन

जिन्हें मधुमेह, कैंसर या फिर जिनका ऑर्गन ट्रांसप्लांट हुआ हो, उन्हें यह हो सकता है। इसके अलावा जिन लोगों को कोरोना हो रहा है, उनका भी इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है। अगर किसी हाई डायबिटिक मरीज को कोरोना होता है तो उसका इम्यून सिस्टम और ज्यादा कमजोर हो जाता है। ऐसे लोगों में ब्लैक फंगस इन्फेक्शन फैलने की आशंका ज्यादा होती है।

लक्षण होने पर क्या करें

शरीर में अगर ब्लैक फंगस के लक्षण दिखें तो सबसे पहले सिर्फ डॉक्टर के पास जाकर इसकी जांच कराएं और डॉक्टरों की सलाह से दवा लें

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक