हिमाचल प्रदेश में बनेंगीं नई पंचायतें, सरकार ने डीसी से मांगे प्रस्ताव
हिमाचल प्रदेश में पंचायती राज संस्थाओं के अगले साल होने वाले चुनाव से पहले नई ग्राम पंचायतें बनाई जाएंगी। इससे पहले पंचायतों का पुनर्सीमांकन भी होगा। सरकार ने सभी उपायुक्तों से प्रस्ताव मांगे हैं। अभी प्रदेश में 3,615 ग्राम पंचायतें हैं। नई पंचायतें बनीं तो कई पंचायतों की सीमाएं भी बदलेंगी और इनका नए सिरे से पुनर्सीमांकन भी किया जाएगा। त्रिस्तरीय पंचायत राज प्रणाली के चुनाव दिसंबर 2025 में प्रस्तावित हैं। इसकी तैयारियां अभी से शुरू हो चुकी हैं। पिछली बार भी पंचायत चुनाव से पहले वर्ष 2020 में भी 412 नई पंचायतें बनीं थीं। उसके बाद पुनर्सीमन की प्रक्रिया चली, जिसमें कुछ पंचायतें नगर निकायों में मर्ज हो गईं थीं। ऐसे में नई 389 पंचायतों की बढ़ोतरी ही दर्ज हुई। नई बनने से पहले पंचायतों की संख्या 3,226 थी। सूत्रों के अनुसार पंचायती राज विभाग के अधिकारियों का तर्क है कि नई पंचायतें बनाने का काम अप्रैल तक पूरा करना होगा। पुनर्सीमन भी समय पर करना होगा। नई पंचायतों के गठन और इनकी नए सिरे से सीमाएं तय करने के बाद आरक्षण रोस्टर का स्वरूप बदलेगा।नया रोस्टर तय करने में भी समय लगता है। ऐसे में पिछले दिनों पंचायती राज निदेशालय ने सरकार को एक पत्र भी भेजा था। इसमें पूछा था कि नई पंचायतों का गठन किया जाना है या नहीं। अगर किया जाना है तो इस प्रक्रिया को समय रहते शुरू करना होगा। इसी पर सरकार अब उपायुक्तों से प्रस्ताव मांग रही है। यह मालूम रहे कि पिछली जयराम सरकार के समय 2020 में कई नई पंचायतें अस्तित्व में आई थीं। उससे पहले हिमाचल प्रदेश में वर्ष 2010 और 2015 के चुनाव से पहले नई पंचायतों का गठन नहीं किया था, जबकि आमतौर पर हर चुनाव से पहले इनका गठन होता रहा है।
नई ग्राम पंचायतों को बनाने के लिए उपायुक्तों से प्रस्ताव मांगे गए हैं। नियमानुसार नई पंचायतें बनाना जरूरी हुईं तो इनका गठन किया जाएगा।