हिमाचल की संस्कृति औऱ परम्परा के खिलाफ बयानबाजी कर रहे मुख्यमंत्री : महेंद्र धर्माणी

Spread the love

भाजपा प्रवक्ता महेंद्र धर्माणी ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुखु प्रदेश में अपनी सरकार और पार्टी की राजनीतिक स्तिथि से निराश और हताश होकर जो बयानबाजी कर रहे है वो मुख्यमंत्री के पद की गरिमा और हिमाचल की संस्कृति औऱ परम्परा के खिलाफ है । भुट्टो को कूटो, काला नाग, भेड़ या मेंढक जैसे शब्दों का प्रयोग करने के साथ साथ विधानसभा का उपचुनाव लड़ रहे नेताओ के बारे में जिन अपशब्दों का प्रयोग मुख्यमंत्री कर रहे है उससे लगता है कि वो अपनी खीज या भड़ास मिटाने के लिये ये सब कर रहे है । उन्होंने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री के ये बयान हिमाचल की संस्कृति व परंपरा के साथ साथ मुख्यमंत्री पद की गरिमा के भी खिलाफ है ।
महेंद्र धर्माणी ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में जो राजनीतिक स्थिति पैदा हुई है जिसके कारण माननीय मुख्यमंत्री परेशान लग रहे है वो उनके द्वारा पिछले डेढ़ साल का लेख जोखा है । पिछले डेढ़ वर्ष में 20 हजार करोड़ का कर्ज लेने के बाद भी आर्थिक कुप्रबंधन के कारण प्रदेश में विकास कार्य ठप पड़े है । सरकार औऱ कांग्रेस के नेता व विधायक मुख्यमंत्री की कार्यप्रणाली से परेशान होकर तरह तरह के आरोप लगा रहे है जिसके कारण प्रदेश में राजनीतिक अस्थिरता का वातावरण बना हुआ है । मुख्यमंत्री एक बार पुनः जनता को जूठे वायदे करके गुमराह कर रहे है । आज प्रदेश में महिला उत्पीड़न , बलात्कार और हत्याओं के मामले जिस प्रकार से घटित हो रहे है वो सरकार की कार्यप्रणाली और कुप्रबंधन को प्रदर्षित करते है ।
महेंद्र धर्माणी ने कहा कि मुख्यमंत्री अपने 15 माह के उपलब्धियों का व्योरा जनता को न देकर गली गलोच और अभद्र भाषा का प्रयोग कर तथा झूठ बोलकर जनता को गुमराह कर रहे है लेकिन प्रदेश की जागरूक और समझदार जनता प्रदेश के मुख्यमंत्री के इस झूठ और गालीगलौच का जबाव लोकसभा और विधानसभा चुनाव में देकर उनको आईना दिखएगी ।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक