हिमाचल की पहली टिशू कल्चर लैब में तैयार होंगे वायरस फ्री

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अमेरिका में पैदा होने वाले सेब, प्लम, बादाम, आड़ू, खुमानी और अखरोट के पौधे अब हिमाचल के दधोल में तैयार होने लगे हैं। विदेशों में तैयार होने वाले इन उन्नत किस्म के वायरस फ्री पौधों को अब देश के बागवान भी आसानी से उगा पाएंगे। इसके लिए टिशू कल्चर लैबोरेटरी रजत बायोटेक ने यूएसए कैलिफोर्निया की कंपनी से नई किस्म के रूट स्टॉक आयात किए हैं। रजत बायोटेक की लैब में रखे विदेश से आयात अखरोट का रूट स्टॉक भारत में पहली बार आयात हुआ है।

सेब (फाइल फोटो)

अन्य पौधों का रूट स्टॉक प्रदेश में पहली बार पहुंचा है। रजत बायोटेक के एमडी विनोद सोनी ने बताया कि भारत के बागवानों को वायरस मुक्त पौधे उपलब्ध करवाए जाएंगे, जिससे भारत के बागवानों व किसानों की आर्थिकी मजबूत होगी। उन्होंने बताया कि जितना भी स्टॉक आयात किया है, उन्हें बायोटेक में विशेष टीम के देख रेख में रजत बायोटेक लैब में ही एक साल के लिए क्वारंटीन किया गया है।


2022 तक यह प्लांट नर्सरी में जाएंगे व उसके एक वर्ष बाद बागवानों व किसानों को पौधे उपलब्ध हो जाएंगे। उन्होंने बताया कि बागवानों को जो पौधे यूएसए से आयात करने पड़ते थे, अब वह वायरस फ्री पौधे रजत बायोटेक से उपलब्ध होंगे। अब भारत की किसानों बागवानों को महंगे दामों पर विदेश से पौधों का आयात नहीं करना पड़ेगा। विनोद सोनी ने बताया कि पहले भारत के बहुत कम बागवान विदेशों से पौधों का आयात कर पाते थे।

जो बागवान विदेश से पौधे मंगवाते थे, वह महंगे दामों में उपलब्ध हो पाते थे व भारत के किसानों का पैसा भी विदेश जाता था।  हिमाचल के साथ-साथ उत्तराखंड, जम्मू कश्मीर, अरुणाचल व कई अन्य राज्यों के बागवानों के लिए फायदा होगा। उन्होंने बताया कि सुविधाओं के अभाव के कारण भारत के अधिकांश बागवानों को यह पौधे नहीं मिल पाते थे। अब भारत के बागवानों की सुविधा के लिए रजत बायोटेक इस दिशा में कार्य करने लगी है।

इससे पहले भी रजत बायोटेक सेब व कुछ अन्य किस्म के पौधे तैयार कर भारत के विभिन्न राज्यों के किसानों को उपलब्ध करवाती रही है। हर वर्ष पांच लाख से ज्यादा सेब के पौधे यहां तैयार होते हैं। यहां तक कि गर्म इलाकों में उगने वाले सेब के पौधे भी यहां तैयार कर बाहरी राज्यों को भेजे जाते हैं। अब विदेशों  में उगने वाले एम 9, टी 337, एम 9 टी29 व जिनेवा सीरीज के सेब के पौधे व उन्नत किस्म के अखरोट, बादाम, सेब, खुमानी के पौधे भी इसी टिशू कल्चर लेब में तैयार कर बागवानों को उपलब्ध हो जाएंगे।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक