हिमाचल प्रदेश का जनजातीय जिला लाहौल-स्पीति अब कोरोना मुक्त हो गया है। घाटी में बीआरओ ठेकेदार के अंतिम मजदूर ने कोरोना से जंग जीत ली है। हिमाचल प्रदेश में लाहौल-स्पीति ही एकमात्र ऐसा जिला बचा है, जहां का एक भी मूल निवासी कोरोना की चपेट में नहीं आया है। दो दिन पहले जिला से जांच के लिए 26 सैंपल नेरचौक मेडिकल कॉलेज भेजे गए थे।
इन सभी लोगों की रिपोर्ट निगेटिव आई है। वहीं कुल्लू में उपचाराधीन बीआरओ ठेकेदार के मजदूर की तीसरी रिपोर्ट भी निगेटिव पाई गई है। अब लाहौल-स्पीति जिला में कोरोना का एक भी मामला नहीं है। गौर रहे कि घाटी में 29 जून को कोरोना का पहला मामला सामने आया था। उसी दिन शाम को एक और मामला आने से घाटी में हड़कंप मच गया था। वहीं दो दिन बाद एक जुलाई को कोरोना के 2 और मामले आए थे।
चारों कोरोना पॉजिटिव मरीज बीआरओ के ठेकेदार के मजदूर हैं। चारों कोरोना पॉजिटिव मरीजों के स्वस्थ होने के बाद जिला के लोगों ने राहत की सांस ली है। जिला कोविड निगरानी अधिकारी डॉक्टर रंजीत वैद ने कहा कि कुल्लू कोविड सेंटर में उपचाराधीन बीआरओ मजदूर की रिपोर्ट निगेटिव आई है। घाटी से भेजे गए सभी 26 सैंपल की रिपोर्ट भी निगेटिव आई है।
लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग का सख्ती से पालन करना चाहिए। बिना मास्क घरों से बाहर न निकले। कोरोना को लेकर जारी दिशानिर्देशों का पालन करते हुए कोरोना से जंग जीती जा सकती है।
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