हिमाचल का दर्द बांटने आज आएंगे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राहत पैकेज की उम्मीद
प्राकृतिक आपदा से जूझ रहे हिमाचल प्रदेश का दर्द बांटने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आ रहे हैं। आपदा प्रभावित क्षेत्रों का हवाई निरीक्षण करने के साथ ही पीएम कांगड़ा में सीएम सुखविंद्र सिंह सुक्खू और अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे। पीएम मोदी के इस दौरे से प्रदेश को केंद्र से राहत पैकेज मिलने की उम्मीद बंधी है। प्रधानमंत्री के दौरे पर पूरे हिमाचल की निगाहें हैं।कार्यक्रम के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी विशेष विमान से दोपहर 1:20 बजे गगल एयरपोर्ट पहुंचेंगे। करीब डेढ़ बजे एयरपोर्ट पर ही प्रधानमंत्री सीएम सुक्खू समेत अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे और राज्य में हुए नुकसान की समीक्षा करेंगे। दोपहर 2:15 बजे तक मीटिंग चलेगी। उसके बाद पीएम आपदा प्रभावित चंबा, मंडी और कुल्लू का हवाई निरीक्षण करेंगे। बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में होने वाली समीक्षा बैठक में 20 के करीब लोगों को शामिल होने की अनुमति रहेगी। पीएम के दौरे को लेकर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। पुलिस के करीब 400 जवान सुरक्षा के लिए जगह-जगह तैनात रहेंगे। ड्रोन से भी पूरे इलाके पर नजर रखी जाएगी। पीएम के दौरे के मद्देनजर दोपहर 12 से शाम 4 बजे तक कांगड़ा जिला नो फ्लाई जोन रहेगा।
बारिश से 5,000 करोड़ का नुकसान पीएम से मांगेंगे विशेष पैकेज : सुक्खू
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि हिमाचल प्रदेश को भारी बारिश से 5,000 करोड़ का नुकसान हो चुका है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से विशेष राहत पैकेज की मांग की जाएगी, ताकि आपदा प्रभावितों को समय पर राहत दी जा सके। प्रधानमंत्री के हिमाचल दौरे से बहुत आशाएं हैं। मंगलवार को पीएम जब स्थिति का जायजा लेंगे, तो उन्हें वास्तविक स्थिति का पता लगेगा। प्रधानमंत्री मोदी के साथ बैठक के लिए मुख्यमंत्री सुक्खू मंगलवार सुबह शिमला से धर्मशाला रवाना होंगे। सोमवार को शिमला में सुक्खू ने कहा कि हिमाचल में आपदा से कई लोग भूमिहीन हुए हैं, ऐसे लोगों को मकान बनाने के लिए एक बीघा जमीन देने के लिए फॉरेस्ट राइट एक्ट में छूट देने का आग्रह किया जाएगा। इन सब मांगों को लेकर राज्य सरकार ने एक मेमोरेंडम भी तैयार किया है। मैदानी राज्यों के नियम हिल स्टेट पर लागू नहीं होने चाहिए। मैदानी इलाकों में एक किमी सड़क बनाने को 75 हजार मिलते हैं। हिमाचल में 75 हजार में 10 मीटर सड़क भी नहीं बनती। इन नियमों को भी बदलने की मांग की जाएगी।