कांग्रेस के प्रदेश महासचिव आश्रय शर्मा ने सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने सोनिया गांधी को इस्तीफा भेज दिया है। आश्रय ने मंडी में प्रेस वार्ता में कहा कि कांग्रेस में बिताया समय कभी नहीं भूलूंगा। हर पदाधिकारी और कार्यकर्ता का प्यार मिला। 2019 में चुनाव लड़ा। यह मेरे दादा पंडित सुखराम की इच्छा थी।
वो कहते थे कि मेरी अंतिम इच्छा है कि मैं कांग्रेस पार्टी में रहते हुए ही प्राण त्यागूं। 2019 में कौल सिंह और प्रतिभा सिंह ने चुनाव से किनारा कर लिया। आलाकमान के कहने पर मेरे दादा ने अपनी इच्छा अनुसार वीरभद्र सिंह से सुलह कर मुझे चुनाव में उतारा। नामांकन के जब दो दिन रह गए तो संदेश आया की पूर्व सीएम वीरभद्र की कुछ शर्ते हैं जिन्हें भी पूरा किया। उसके बाद उन्होंने प्रचार भी किया।
लेकिन वो जनसभाओं में यह कहते रहे कि सुखराम को कभी माफ नहीं करूंगा। मैं उन्हे दोष नहीं देता। उस वक्त पता नहीं उनकी क्या मजबूरी रही होगी। अगर विक्रमादित्य उस समय मेरी जगह लड़ते तो हमारा परिवार कभी ऐसा ना करता।
20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक