हाटी समिति की नई कार्यकारिणी गठित, डॉ. रमेश सिंगटा को संगठन की कमान

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सिरमौर जिले के गिरिपार क्षेत्र के हाटी समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिलाने में अहम भूमिका निभाने वाली केंद्रीय हाटी समिति की शिमला इकाई का पुनर्गठन हुआ है। इस संबंध में राजधानी शिमला में विशेष बैठक हुई। इसमें हाटी समिति शिमला की कमान डॉ. रमेश सिंगटा को सौंपी गई। उन्हें सर्वसम्मति से अध्यक्ष चुना गया। खजान सिंह ठाकुर को महासचिव का जिम्मा दिया गया, जबकि सुरजीत सिंह ठाकुर कोषाध्यक्ष होंगे। चुनाव केंद्रीय हाटी समिति के तीन प्रमुख पर्यवेक्षकों की मौजूदगी में संपन्न हुए।

यह बनी नई कार्यकारिणी..
अध्यक्ष डॉ. रमेश सिंगटा, उपाध्यक्ष विनोद बिरसांटा, महासचिव खजान सिंह ठाकुर, संयुक्त सचिव आशु चौहान, कोषाध्यक्ष सुरजीत सिंह ठाकुर, सह कोषाध्यक्ष भीम सिंह चौहान, कानूनी सलाहकार श्याम सिंह चौहान, विनोद चौहान, मुख्य सलाहकार दलीप सिंह सिंगटा, मुख्य प्रवक्ता सुरेश सिंगटा, मीडिया प्रभारी अनुज शर्मा

कौन रहे पर्यवेक्षक

कर्नल नरेश चौहान, रण सिंह चौहान, अतर नेगी ने बैठक में पर्यवेक्षक के तौर पर हिस्सा लिया। उन्होंने उम्मीद जताई कि नई कार्यकारिणी केंद्रीय हाटी समिति के दिशा निर्देशों के अनुसार कार्य करेगी और सबको साथ लेकर चलेगी।

हाटी विकास मंच के पूर्व अध्यक्ष प्रदीप सिंगटा, पूर्व महासचिव अतर सिंह तोमर ने नई कार्यकारिणी को आश्वासन दिया कि वह पहले की तरह और नई ऊर्जा के साथ संगठन के लिए कार्य करते रहेंगे। बैठक में खजान सिंह ठाकुर, मदन तोमर, गोपाल ठाकुर, लाल सिंह चौहान, कपिल चौहान, विक्रम नेगी, दिनेश ठाकुर, हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के शोधार्थी काकू ठाकुर, अनिल चौहान, प्रवीण चौहान, राकेश सिंगटा, रोहन तोमर, अनुज चौहान, वीरेंद्र चौहान, हुकुमचंद छींटा, अनिल छींटा आदि मौजूद रहे।

वहीं पूर्व चेयरमैन माधो राम शर्मा, पूर्व कोषाध्यक्ष आत्माराम शर्मा,सचिव गोविंद राणा, नीटू चौहान दीपक चौहान, दीपचंद शर्मा,जगत ठाकुर,सोहन सिंह चौहान आदि विशेष तौर पर मौजूद रहे।

वहीं उन्होंने नई कार्यकारिणी सबको साथ लेकर चलेगी। हाटी मुद्दे को तार्किक अंत तक पहुंचाने में हर संभव सहायता करेगी। केंद्रीय हाटी समिति से विचार-विमर्श के बाद जल्द ही कोर कमेटी नई कार्यकारिणी का विस्तार करेगी।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक