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हाईकोर्ट में सरकार ने कहा-इल्मा अफरोज ने खुद मांगा था स्थानांतरण

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हिमाचल हाईकोर्ट में एसपी इल्मा अफरोज की तत्काल नियुक्ति के लिए दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से बताया गया कि आईपीएस अधिकारी ने खुद अपना स्थानांतरण मांगा था। हिमाचल हाईकोर्ट में एसपी इल्मा अफरोज की तत्काल नियुक्ति के लिए दायर जनहित याचिका पर शनिवार को सुनवाई हुई। सरकार की ओर से बताया गया कि आईपीएस अधिकारी ने खुद अपना स्थानांतरण मांगा था। इसके आधार पर उन्हें हिमाचल प्रदेश पुलिस मुख्यालय में तैनाती दी गई है।

आईपीएस इल्मा अफरोज ने वहां पर ज्वाइनिंग भी दे दी है।अदालत में राज्य के गृह सचिव और पुलिस महानिदेशक की ओर से दायर जवाब में यह बात कही गई। मुख्य न्यायाधीश गुरमीत सिंह संधावालिया और न्यायाधीश सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने कहा कि अगर कोई अधिकारी स्वयं ट्रांसफर लेना चाहता है, तो उसमें अदालत हस्तक्षेप नहीं कर सकती है। वहीं, याचिकाकर्ता की ओर से बताया गया कि इल्मा अफरोज एक अच्छी और निडर अधिकारी हैं। एसपी बद्दी रहते हुए उन्होंने नालागढ़ व बरोटीवाला क्षेत्र में कानून व्यवस्था को और बेहतर बनाया।


उन्होंने अदालत को बताया कि जब उनकी बद्दी में नियुक्ति थी तो उन्होंने खनन और ड्रग माफिया के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की। उन्होंने अदालत से गुहार लगाई कि अगर इल्मा अफरोज की तैनाती फिर से बददी में की जाएगी तो वहां के लोग खुद को और महफूज महसूस करेंगे।

समझौते के अनुरूप नहीं था एलआईसी का मास्टर प्लान

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में हिमुडा के सेवानिवृत्त कर्मचारियों को भारतीय जीवन बीमा निगम की ओर से पेंशन न देने के मामले में बहस हुई। हिमुडा की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि साल 2009 में जब एलआईसी ने मास्टर प्लान लाया तो वह समझौते के अनुरूप नहीं था। न्यायाधीश विवेक सिंह ठाकुर और न्यायाधीश सुशील कुकरेजा की विशेष खंडपीठ इस मामले में सुनवाई कर रही है। अदालत अब इस मामले को एक मार्च को करेगी।

बता दें कि हिमुडा ने वर्ष 2008 में भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के साथ अपने कर्मचारियों को पेंशन के लाभ देने के लिए एक पॉलिसी ली थी, जिसके तहत कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के बाद सीसीएस रूल के तहत पेंशन देने का वादा किया गया था। बताया गया कि वर्ष 2014 तक ये निगम को पैसा देते रहे, लेकिन 2014 के बाद हिमुडा से सेवानिवृत्त हुए कर्मचारियों को यह पैसा देना बंद कर दि गया।

इसके बाद इन कर्मचारियों ने अदालत का दरवाजा खटखटाया। हाईकोर्ट के एकल जज ने इस मामले को सुना और एलआईसी को सेवानिवृत्त कर्मचारियों का पैसा ब्याज सहित लौटाने के आदेश जारी  थे। एलआईसी ने इस फैसले को प्रदेश हाईकोर्ट की डबल बेंच में चुनौती दी है, जिस पर शनिवार को सुनवाई हुई।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक