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हमीरपुर संसदीय क्षेत्र में न काम आई मोदी की रैली, न चली अनुराग व नड्डा की धाक

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 हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस पार्टी की शानदार जीत में हमीरपुर संसदीय क्षेत्र का काफी योगदान रहा है। इस संसदीय क्षेत्र में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा के अलावा हिमाचल से एकमात्र केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर की साख दांव पर लगी थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली भी इस संसदीय क्षेत्र में करवाई गई, लेकिन इसके बावजूद इस संसदीय क्षेत्र के कांग्रेसी नेताओं ने ऐसी बिसात बिछाई कि भाजपा इस संसदीय क्षेत्र में चारों खाने चित हो गई। हमीरपुर संसदीय क्षेत्र में ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर जिले के अलावा मंडी जिला की 1 सीट और कांगड़ा जिला की 2 सीटें शामिल थी। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा अपने जिला की चार विधानसभा सीटों में से 3 सीटें पार्टी की झोली में पाने में कामयाब रहे लेकिन केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर को उनके गृह जिला के साथ-साथ ऊना जिला में भी गहरा झटका लगा है।

सबसे बड़ा झटका केंद्रीय मंत्री को सुजानपुर विधानसभा क्षेत्र में लगा है, जहां प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष और सुजानपुर के कांग्रेस प्रत्याशी राजेंद्र राणा को हराने के लिए उन्होंने पूरा दमखम लगा रखा था। ये वही राजेंद्र राणा हैं, जिन्होंने पिछले चुनाव में मुख्यमंत्री पद के घोषित प्रत्याशी प्रेम कुमार धूमल को सुजानपुर में हराया था। इस बार भाजपा ने सुजानपुर में धूमल जी की हार का बदला लेने का नारा दिया था। यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी अंतिम दिन में रैली करवाई गई। इसके बावजूद राजेंद्र राणा को जीत की हैट्रिक लगाने से भाजपा नहीं रोक पाई। सुजानपुर ही इस संसदीय क्षेत्र की सबसे हॉट सीट बनी थी। परंतु राजेंद्र राणा भाजपा की तमाम किलाबंदी के बावजूद अपना किला महफूज रखा है। जिससे उनका प्रदेश की कांग्रेस राजनीति में कद और बढ़ गया है। ऊना जिला में केंद्रीय मंत्री के करीबी मंत्री वीरेंद्र कंवर की हार के अलावा भाजपा ने जिला की 4 सीटें गंवा दी। हमीरपुर जिला में भी भाजपा का बहुत निराशाजनक प्रदर्शन रहा।  निश्चित रूप से हमीरपुर संसदीय क्षेत्र में भाजपा की जिस तरह करारी हार हुई है, उससे प्रदेश भाजपा के भीतर भी अब नए समीकरण बनेंगे। इस संसदीय क्षेत्र में जिस तरह कांग्रेस ने शानदार प्रदर्शन किया है, उससे डेढ़ साल बाद होने वाले लोकसभा चुनाव में इस संसदीय सीट को कब्जे में रखना भाजपा के लिए कड़ी चुनौती होगा।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक