हफ्ते में तीन लाख से ज्यादा पर्यटकों ने निहारी अटल टनल

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विश्व पटल में प्रसिद्ध अटल टनल रोहतांग देश-दुनिया के लोगों के लिए टूरिस्ट डेस्टिनेशनल स्थल बन गया है। अटल टनल की सुंदरता अपनी ओर ही नहीं, बल्कि प्रदेश के जनजातीय जिला लाहुल-स्पीति की ओर भी सैलानियों को भेज रही है। लाहुल-स्पीति जिला पर्यटकों को खूब भा रहा है। यहां की बर्फीली वादियां पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित कर रही हैं। एक दिन में हजारों सैलानी लाहुल की तरफ पहुंच रहे हैं। वहीं, अब जिस तरह से बीआरओ रोहतांग की ओर मार्ग बहाली के लिए बढ़ा है। पर्यटकों को भी रोहतांग जाने के लिए इंतजार है। पर्यटक इसकी जानकारी पर्यटन व्यवसायियों से ले रहे हैं। लिहाजा, लाहुल-स्पीति के पर्यटन स्थल पर्यटकों से गुलजार हो रहे हैं। जहां अटल टनल रोहतांग के साउथ और नोर्थ पोर्टल के मुहानों पर यात्रा को यादगार बनाने के लिए फोटो खिंचवा रहे हैं। बर्फ के बीच पहुंचकर भी पर्यटक अठखेलियां कर फोटो ले रहे हैं। यही नहीं, लाहुल के कोकसर में इन दिनों पर्यटक मेला लगा हुआ है। यहां पर आइस्केटिंग भी पर्यटक कर रहे हैं। लाहुल में टूरिस्ट बढऩे से पर्यटन व्यवसायियों के कारोबार में भी इजाफा होने लगा है।

लाहुल-स्पीति पुलिस विभाग के आंकड़ों पर गौर करें, तो मात्र एक सप्ताह में लाहुल की वादियों में काफी संख्या में पर्यटक पहुंचे हैं। तीन लाख से ज्यादा सैलानियों ने अटल टनल रोहतांग और बर्फ को नजदीक से निहारा। गत 12 से 18 मई तक कुल 55606 पर्यटक वाहनों का आवागमन अटल टनल रोहतांग से होकर हुआ। वहीं, रविवार को हजार के आसपास पर्यटक वाहन अटल टनल रोहतांग से होकर लाहुल में प्रवेश हुए। गत सप्ताह की बात करें, तो यदि एक वाहन में पांच या छह पर्यटक भी जाते हैं, तो 55606 वाहनों में यह आंकड़ा 278030 और 333606 पहुंचता है। रविवार की बात करें, तो यहां आंकड़ा और बढ़ गया है। छोटी गाडिय़ों के साथ-साथ ट्रैवलर भी पर्यटकों को लेकर लाहुल पहुंची हैं।

नियमों का पालन करें सैलानी

लाहुल-स्पीति के पुलिस अधीक्षक मयंक चौधरी ने बताया कि बर्फ देखने के लिए पर्यटक लाहुल की वादियों में पहुंच रहे हैं। उन्होंने कहा कि पर्यटकों की सहायता के लिए पुलिस जवान जगह-जगह तैनात हैं। उन्होंने पर्यटकों से अपील की है कि लाहुल की वादियों में पहुंचकर नियमों की पूरी तरह से पालना करें।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक