हजारों नम आंखों ने दी शहीद को अंतिम विदाई

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जिला बिलासपुर के उपमण्डल घुमारवीं के गांव सेउ में बांचा राम के सपुत्र  19 जैक राईफल के जवान अंकेश  6 फरवरी को अरूणाचल के त्वांग जिला के वार्डर पर पैट्रोलिंग के दौरान सात जवान  हिमस्खलन की चपेट में आने के कारण तीन हजार फीट गहरी खाई में गिरने से शहीद हो गए जिन्हे दो दिन तक चलाए गए बचाव अभियान के दौरान पैरा फोर्स और आसाम पुलिस के रेस्कयू दल ने भारी मशक्त कर अधिक बर्फवारी के वावजूद हिमस्खलन के चपेट में आए जवानो को ढूंढ निकाला। मौसम खराब होने के कारण शहीद अंकेश के पार्थिव देह को त्वांग से तेजपुर तक सड़क मार्ग से  लाया गया तथा तेजपुर से पठानकोट तक हवाई मार्ग से तथा पठानकोट से पैतृक गांव सेउ तक सड़क मार्ग से पहुॅंचाया गया।
      22 वर्षीय  अंकेश अपने माता कशमीरी देवी, पिता बांचा का बड़ा व लाडला बेटा था तथा वे 19 वर्ष की आयु में सेना में भर्ती हो गये थे। शहीद का छोटा भाई आकाश कक्षा जमा दो में पढ़ता है और बहन का पहले ही दुर्घटना में देहांत हो चुका है। अंकेश के पिता, चाचा बीएसएफ तथा ताया सेना से सेवानिवृत हुए हैं। अंकेश ने दसवीं  तक की शिक्षा राजकीय उच्च पाठशाला दधोल में प्राप्त की तथा उसके बाद जमा दो तक की शिक्षा हिम-सर्वोदय घुमारवीं से प्राप्त की तथा जमा दो की शिक्षा पूर्ण करने के बाद शहीद अंकेश ने काॅलेज में भी दाखिला लिया था। शहीद अंकेश कुश्ती के खिलाड़ी भी थे जिन्होनें जिला तथा राष्ट्रीय स्तर पर कुश्तियों में भाग लिया था।
      सुबह लगभग नौ बजे के करीब हमीरपुर तथा जिला बिलासपुर की सीमा तरघेल नामक स्थान पर खाद्य आपूर्ति मन्त्री राजेन्द्र गर्ग, जिला प्रशासनिक अधिकारियों सहित हजारों लोगों द्वारा शहीद के पार्थिव देह का आगमन किया और पैतृक गांव सेउ में पहुंचाया गया। डंगार, हरितल्यंागर, पडयालग, बाड़ी, दधोल तथा निहारी के हजारों लोगों ने शहीद को अंतिम विदाई दी तथा इस अवसर पर अंकेश अमर रहे के नारे गंूजते रहे। इस दौरान बच्चों, बूढ़ों, युवाओं और महिलाओं ने नम आंखों से जगह-जगह फूलों की वर्षा करते हुए  देश भक्ति के नारों के साथ अंतिम विदाई दी।  

पैतृक गांव सेउ से सीर खडड के किनारे मुक्तिधाम तक पूरे राजकीय सम्मान ,बैंड बाजे और देश भक्ति गीतों तथा नारों ʺजब तक सूरज चांद रहेगा अंकेश तेरा नाम रहेगाʺ के साथ अन्तिम  या़त्रा निकाली गई जिसमें हजारो लोग शामिल हुए महिलाओं ने भी अंतिम यात्रा में भारी सख्या में उपस्थिती दर्ज करवाई। अंतिम संस्कार के मौके पर 19 जैक राइफल की टुकड़ी तथा प्रदेश पुलिस के जवानों द्वारा सलामी दी ।
        शहीद अंकेश के पिता बांचा राम ने अपने पूरे घर को फूल मालाओं व लड़ियों सहित टैंट लगाकर सजाया हुआ था तथा अन्तिम विदाई के समय शहीद अंकेश को सेहरा भी लगाया गया था। शहीद को दुल्हे की तरह सजाया गया। शहीद की अंतिम यात्रा में उनके पिता भाई के साथ माता भी अंतिम यात्रा में शामिल रही।
       इस अवसर पर युवाओं ने शहीद अंकेश के सम्मान में दधोल से पैतृक गांव सेउ तक 300 फीट तिरंगा यात्रा निकाली गई तथा युवाओं ने बाइक रैली निकाल कर देश भक्ति के नारे लगाकर पूरे वातावरण को  देशभक्ति के रंग में रंग दिया।
        इस अवसर पर खाद्य आपूर्ति मंत्री  राजेन्द्र गर्ग ने कहा कि शहीद अंकेश की शहादत और बलिदान से देश और प्रदेश में देश भक्ति के जज्बे  का सन्देश गया है। उन्होने कहा कि शहीद के पिता बांचा राम ने अपना जवान बेटा खोने के बावजूद संयम और साहस का परिचय दिया है। लोगों में अंकेश  के जाने के गम के साथ देशभक्ति का जज्बा भी देखने को मिला।
        उपायुक्त  बिलासपुर पंकज राज ने कहा कि शहीद के बलिदान का कर्ज तो नहीं चुकाया जा सकता लेकिन उनके सम्मान में राष्ट्रीय भक्ति, अखण्डता और सुरक्षा के प्रयासों द्वारा समाज में देश प्रेम के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए पथ प्रदर्शन जरूर किया जा सकता है।  
      इस अवसर पर खाद्य आपूर्ति मंत्री राजेन्द्र गर्ग, पूर्व विधायक घुमारवी राजेश धर्माणी, उपायुक्त बिलासपुर पंकज राय, एसपी बिलासपुर एस॰आर॰ राणा, 19 जैक राईफल के मेजर अभिमन्यु सिंह राठौर तथा उप मण्डलाधिकारी (ना॰) राजीव ठाकुर, सेवानिवृत कर्नल प्यार सिंह अत्री ने शहीद अंकेश को फूल मालाओं के साथ श्रद्धा सुमन अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।  
इस मौके पर अनेक गणमान्य लोगों के साथ पंचायती राज व विभिन्न पार्टियों, स्वंयसेवी व समाजसेवी संस्थाओं के पदाधिकारियों ने अपनी उपस्थिती दर्ज करवाई ।     

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक