स्व. डाॅ. परमार ने सादा जीवन उच्च विचार को चरितार्थ किया – डाॅ. शांडिल
हिमाचल निर्माता की 117वीं जयंती पर श्रद्धासुमन अर्पित स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता तथा श्रम एवं रोज़गार मंत्री डाॅ. कर्नल धनीराम शांडिल ने कहा कि प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री स्व. डाॅ. यशवंत सिंह परमार ने सदैव ‘सादा जीवन उच्च विचार’ को चरितार्थ किया और विकसित हिमाचल की नींव रखी। डाॅ. शांडिल आज सोलन में हिमाचल निर्माण स्व. डाॅ. यशवंत सिंह परमार की 117वीं जयंती पर जन-जन की ओर से उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित करने के उपरांत सिरमौर कल्याण मंच द्वारा डाॅ. परमार की स्मृति में आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे।
डाॅ. शांडिल ने कहा कि स्व. डाॅ. परमार ने अपने बाल्यकाल से क्षेत्रवासियों के संघर्ष और पहाड़ी जीवन की कठिनाइयों को समीप से देखा। उन्होंने इन परेशानियों को सदैव याद रखा और अनवरत संघर्ष के उपरांत हिमाचल के गठन के साथ इन समस्याओं को दूर करने का सपना देखा। उन्होंने कहा कि स्व. डाॅ. परमार ने हिमाचल के मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए भी सदैव सादा जीवन जिया। उन्होंने कहा कि एक मुख्यमंत्री के रूप में भी स्व. डाॅ. परमार बसों में यात्रा करते थे और आम आदमी के जीवन की कठिनाइयों को समझ कर उन्हें दूर करने का प्रयास करते थे।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि डाॅ. परमार की सोच दूरगामी और व्यक्तित्व जादुई था। उनके दिखाए मार्ग को अपनाकर ही आज हिमाचल देश में विकास का सिरमौर बनने की ओर अग्रसर है। उन्होंने कहा कि स्व. डाॅ. परमार के उपरांत प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे सभी महानुभावों ने हिमाचल के विकास का मार्ग प्रशस्त किया। उन्होंने कहा कि वर्तमान मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू हिमाचल निर्माता की सोच को अपनाकर समृद्ध हिमाचल की परिकल्पना साकार करने की दिशा में अग्रसर हैं।

