अब बिजली के बिल की दरें उसके इस्तेमाल के समय से तय होंगी। बिजली बोर्ड जल्द ही टाइमिंग ऑफ यूज टैरिफ प्लान शुरू करने जा रहा है। प्लान के शुरू होने के बाद दिन और रात की दरों में भी अंतर आ जाएगा। जिस समय बिजली का इस्तेमाल ज्यादा होगा, उस दौरान रेट ज्यादा होंगे और इस्तेमाल कम होने पर रेट भी कम हो जाएगा। इसका सीधा असर उन उद्योगों में पड़ेगा, जिनमें रात के समय ज्यादा काम चलता है। इसके साथ ही घरेलू बिजली भी प्रभावित होगी। इस प्लान को लागू करने के लिए बिजली बोर्ड आगामी दो सालों में प्रदेश भर बिजली के मीटर बदलेगा। नए मीटर डिजिटल होंगे और इन मीटरों को रिचार्ज किया जा सकेगा।
मीटर यह भी बता देंगे कि किस समय कितनी बिजली खर्च हुई है। डिजिटल मीटर की शुरुआत स्मार्ट सिटी से प्रदेश भर में हो चुकी है। धर्मशाला और शिमला शहर में डिजिटल मीटर लगाए जा रहे हैं। इन दोनों शहरों में 20 हजार मीटरों की पहली खेप लगाई जा चुकी है। आगामी दो सालों में प्रदेश भर में मीटरों का बदलने का लक्ष्य बिजली बोर्ड ने तय कर दिया है। इन मीटरों से बिजली अब रिचार्ज होगी और किस समय कितनी बिजली खपत हुई इसका भी हिसाब तय हो सकेगा।
बिजली बोर्ड टाइम ऑफ यूथ टैरिफ पर काम कर रहा है। केंद्र सरकार के आदेश पर यह अभियान शुरू किया गया है। अब प्रदेश भर में सभी मीटर डिजिटल किए जाएंगे और इसके बाद बिजली के इस्तेमाल के समय के आधार पर दरें तय होंगी। पूर्व में जो मीटर लगे थे उनमें तयशुदा आधार पर बिजली के बिल मिल रहे थे। इनमें घरेलू उपभोक्ता 200 यूनिट तक बिजली की खपत कर सकते थे और इस खर्च की दर एक मुश्त तय थी। अब यह दर स्थायी नहीं होगी आरडी धीमान, चेयरमैन बिजली बोर्ड ।
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