स्टील फैक्ट्री से निकल रहे प्रदूषण के विरोध में प्रदर्शन
समाजसेवी नाथूराम चौहान ने कहा कि 20 दिन से लोग धरने पर बैठे हुए हैं, लेकिन प्रशासन ने अब तक उनकी कोई सुध नहीं ली है।धौलाकुआं में स्टील उद्योग के बाहर ग्रामीणों की हड़ताल 20वें दिन आमरण अनशन में बदल गई। प्रशासन की ओर से लोगों की सुध न लिए जाने से ग्रामीणों में भारी गुस्सा है। लिहाजा, शुक्रवार से तीन पंचायतों के 100 लोग आमरण अनशन पर बैठ गए।
दरअसल, ग्रामीण यहां चल रहे स्टील उद्योग से निकल रहे भारी प्रदूषण के विरोध में हड़ताल पर बैठे हैं। लोगों का कहना है कि फैक्ट्री से निकल रहा प्रदूषण न केवल स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है बल्कि गोवंश, नदी नाले, पेड़ पौधे और फसलें भी इसकी चपेट में आ रही हैं।
लोगों में लगातार एलर्जी की शिकायतें आ रही हैं। आरोप है कि उद्योग से निकलने वाले धुएं से आसपास का वातावरण खराब हो चुका है। लोगों की सेहत पर भी प्रतिकूल असर पड़ रहा है। लोगों में कई गंभीर बीमारियों का खतरा बना हुआ है।
इस मौके पर समाजसेवी नाथूराम चौहान ने कहा कि 20 दिन से लोग धरने पर बैठे हुए हैं, लेकिन प्रशासन ने अब तक उनकी कोई सुध नहीं ली है। उन्होंने कहा कि प्रशासन पांवटा साहिब में यमुना शरद महोत्सव मना रहा है। उन्होंने सवाल उठाए कि ये कैसा महोत्सव है। लोग यहां सांस नहीं ले पा रहे हैं।
लोग कई गंभीर बीमारियों के शिकार हो रहे हैं। फैक्टरी के धुएं से लोगों का दम घुट रहा है। हवा में सांस नहीं ले सकते हैं। जमीन काली पड़ गई है। फसलें खराब हो रही हैं और पांवटा साहिब में महोत्सव मनाया जा रहा है। उन्होंने अफसरों के खिलाफ भी सरकार से कड़ी कार्रवाई करने की गुहार लगाई।