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स्कूल प्रबंधन की बड़ी लापरवाही! सैंप्टिक टैंक में गिरकर नर्सरी की छात्रा की माै..त

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नालागढ़ के दभोटा स्थित एक निजी स्कूल में एक हृदय विदारक घटना सामने आई, जहां प्रबंधन की गंभीर लापरवाही ने एक मासूम की जान ले ली। स्कूल परिसर में बने सैप्टिक टैंक का ढक्कन खुला होने के कारण खेलते-खेलते नर्सरी कक्षा की साढ़े 4 वर्षीय छात्रा मनजोत कौर उसमें गिर गई, जिससे उसकी डूबने से मौत हो गई। इस घटना के बाद पूरे क्षेत्र में शोक और आक्रोश का माहौल है।

घटना गुरुवार काे पेश आई है। स्कूल के पास रहने वाले जरनैल सिंह ने पुलिस को बताया कि स्कूल की चपरासी मंजीत कौर ने गेट पर आकर आवाज लगाई कि एक बच्ची सैप्टिक टैंक में गिर गई है। जब वे स्कूल के अंदर पहुंचे तो देखा कि बाथरूम के पास बने टैंक के दो ढक्कनों में से एक खुला हुआ था। अंदर झांकने पर बच्ची टैंक में गिरी हुई दिखाई दी।

इसी बीच बच्ची के पिता जितेन्द्र सिंह और एक अन्य व्यक्ति चमन लाल भी मौके पर पहुंच गए। तीनों ने मिलकर बच्ची को टैंक से बाहर निकाला, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी और मासूम मनजोत की सांसें थम चुकी थीं। मौके पर मौजूद ग्रामीणों ने स्कूल प्रबंधन पर सीधा आरोप लगाते हुए कहा कि यह हादसा सरासर लापरवाही का नतीजा है। यदि सैप्टिक टैंक पर ढक्कन ठीक से लगा होता तो यह दर्दनाक घटना टाली जा सकती थी।

उधर, सूचना मिलते ही दभोटा पुलिस चौकी प्रभारी एएसआई भागवत प्रसाद अपनी टीम के साथ घटनास्थल पर पहुंचे और साक्ष्य जुटाए। बच्ची के शव को पोस्टमार्टम के लिए नालागढ़ अस्पताल भेज दिया गया है। एसएचओ नालागढ़ राकेश रॉय ने बताया कि प्रारंभिक जांच में स्कूल प्रबंधन की लापरवाही सामने आई है। पुलिस ने स्कूल प्रबंधन के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता  की धारा 125 और 106 के तहत लापरवाही से मृत्यु का मामला दर्ज कर लिया है। उन्होंने आश्वासन दिया कि मामले की गहनता से जांच की जा रही है और दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक