स्कूलों को जारी होगी स्पोटर्स व स्कूल ग्रांट, 15 सितंबर तक खर्च न होने पर वापस ले लेगा शिक्षा विभाग

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स्कूलों को स्पोटर्स ग्रांट व स्कूल ग्रांट जारी की जाएगी, जिसे 15 सितंबर तक खर्च करना होगा।

स्कूलों को स्पोटर्स ग्रांट व स्कूल ग्रांट जारी की जाएगी, जिसे 15 सितंबर तक खर्च करना होगा। समग्र शिक्षा के तहत स्कूलों को मिला पैसा जो अभी तक खर्च नहीं हो पाया है उसे ब्याज सहित स्कूलों से वापस मंगवा लिया था। पैसा वापस मंगवाने के लिए स्कूलों में बिजली का बिल, टेलीफोन का बिल सहित अन्य छोटे मोटे खर्चे करने में परेशानी आ रही है। आगामी दिनों में पेपर शुरू होने वाले हैं। ऐसे में स्कूलों के लिए आफत बन गया था कि किस तरह तथा कहां से पैसा खर्च किया जाए। इस परेशानी के मद्देजनर अब इमरजेंसी में स्कूलों को स्पोटर्स ग्रांट व स्कूल ग्रांट को रिलीज कर दिया जाएगा।

यह ग्रांट उसी जमा पैसे से दी जाएगी जो स्कूलों में वापस लिया गया है। हालांकि इस दौरान कंडीशन रखी गई है कि 15 सितंबर तक खर्च किया जाए। 15 सितंबर तक पैसा खर्च न होने की सूरत में फिर से यह पैसा स्कूलों से वापस मंगवा लिया जाएगा। बताया जा रहा है कि 2001 से स्कूलों को इस अभियान के तह पैसा दिया जा रहा है। खर्च नहीं होने वाले पैसे पर ब्याज भी लग रहा था, क्योंकि ब्याज को खर्च करने की कोई भी डायरेक्शन सरकार की ओर से प्राप्त नहीं हुई थी, ब्याज ही लाखों तक पहुंच गया था।

समग्र शिक्षा के तहत जो पैसा स्कूलों द्वारा खर्च नहीं हुआ, उसे वापस मंगवाए जाने के बाद समग्र शिक्षा जिला कांगड़ा के पास ही सात करोड़ 40 लाख रुपये जमा हो गए हैं। 31 जुलाई तक प्रदेश के सभी जिलों में यह पैसा वापस मंगवाया गया है। बताया जा रहा है कि नया सिस्टम बनाया जा रहा है जिसमें सिंगल नोडल एजेंसी बनाई जाएगी। पहले पूरा पैसा वापस लिया जाएगा उसके बाद जरूरत के हिसाब से पैसा स्कूलों को दिया जाएगा।

जिला शिक्षा प्रशिक्षण संस्थान (डाईट) के प्रधानाचार्य विनोद चौधरी ने बताया समग्र शिक्षा के तहत स्कूलों को पैसा दिया जाता है। खर्च नहीं हुए पैसे को ब्याज सहित मंगवा लिया है। स्कूलों को छोटे-मोटे खर्च को पूर्ण करने में परेशानी को देखते हुए अनिवार्यता के तहत स्कूलों को स्पोर्ट्स ग्रांट व स्कूल ग्रांट को रिलीज कर दिया जाएगा। 15 सितंबर तक यह पैसा स्कूलों को खर्च करना होगा।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक