सोलन में 12 असुरक्षित भवनों में बसर रही जिंदगी

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नगर निगम सोलन ने शहर में 12 भवनों को असुरक्षित घोषित किया है, लेकिन इसके बावजूद लोग इन भवनों में रह रहे हैं। बरसात के मौसम में ये भवन कभी भी ढह सकते हैं, जिसकी वजह से बड़ा हादसा होने की संभावना बनी रहती है। हैरानी की बात है कि इन असुरक्षित भवनों में लोक निर्माण विभाग का अधीक्षण अभियंता कार्यालय भी शामिल है। जहां पर करीब 50 से अधिक कर्मचारी व अधिकारी काम करते हैं।

सोलन में 12 असुरक्षित भवनों में बसर रही जिंदगी

नगर निगम क्षेत्र में कई वर्ष पहले असुरक्षित भवनों को नोटिस जारी किए जा चुके हैं। निगम ने इन भवनों को खाली करने के आदेश भी दे रखे हैं, लेकिन लोग इन्हें खाली नहीं कर रहे हैं। अधिकतर असुरक्षित भवनों में किरायेदार रहते हैं। इनमें से कई भवन 80 साल से भी अधिक पुराने हैं तथा लकड़ी से बने हुए हैं। भवनों में दरारें पड़ चुकी हैं तथा बरसात के दिनों में इनसे पानी टपकता रहता है। 

यह भवन सोलन शहर के गंज बाजार, बाण मोहल्ला, लोअर बाजार, सलोगड़ा रेलवे स्टेशन के समीप, चौक बाजार, क्लीन, सुबाथू रोड, शिल्ली रोड पर स्थित हैं। अधिकतर भवनों में अब मालिक नहीं रहते हैं। किरायेदारों ने इन भवनों पर कब्जा कर रखा है। बार-बार बोलने के बावजूद भी भवनों को खाली नहीं किया जा रहा है। अधीक्षण अभियंता का कार्यालय भी असुरक्षित भवन में चल रहा । 

हैरानी की बात है कि सोलन में लोक निर्माण विभाग का जिला मुख्यालय यानी अधीक्षण अभियंता का कार्यालय असुरक्षित भवन में चल रहा है। यह भवन राजा दुर्गा सिंह की कचहरी हुआ करती थी। वर्ष 1980 में यहां पर लोक निर्माण विभाग का कार्यालय खोला गया था। हालांकि उस दौरान भवन की हालत काफी हद तक सही थी, लेकिन अब इसमें दरारें पड़ चुकी हैं। छत से पानी टपकता रहता है। इस भवन में काम करने वाले कर्मचारियों को हमेशा अपनी जान का खतरा बना रहता है। शहर में कहीं पर भी सरकारी भवन न होने की वजह से लोक निर्माण विभाग को मजबूरन इस पुराने भवन में बैठकर काम करना पड़ रहा है। विभाग के अधीक्षण अभियंता एसपी जोगटा का कहना है कि कार्यालय बनाने के लिए जमीन की तलाश जारी है। असुरक्षित भवनों को खाली करने के लिए भवन मालिकों को सूचित किया जा चुका है। भवनों में रहने वाले लोग इसे खाली नहीं कर रहे हैं। ऐसे भवनों में रहना खतरे से खाली नहीं है।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक