सोलन नगर परिषद में आज कुछ वार्ड रिजर्व होने से कुछ के चेहरे में उदासी छा गई तो कुछ बहुत खुश नजर आए। सबसे ज्यादा झटका वर्तमान नगर परिषद अध्यक्ष देवेन्द्र ठाकुर को लगा। क्योकि उनका वार्ड नंबर 11 महिला के लिए आरक्षित हो गया। यही नहीं उनके साथ लगता वार्ड 9 और 15 भी महिला के लिए आरक्षित हो गया। यही हाल पूर्व में अध्यक्ष पवन गुप्ता का भी रहा। पिछली बार वो वार्ड 8 से चुनाव लड़े थे लेकिन इस बार उनका वार्ड भी एससी के लिए आरक्षित हो गया। अब वो अपने पुराने वार्ड 5 से चुनाव लड़ सकते है।
पूनम ग्रोवर इस बार फ्रंट फूट पर है उनका वार्ड 8 एससी के लिए रिजर्व हो गया है। पिछले चुनाव मे वो पवन गुप्ता से चुनाव हार गई थी। इस बार वो अपनी हार का बदला लेने के लिए पूरी तरह से तैयार थी। लेकिन इस बार उनके सामने कोई नया चेहरा सामने होगा। इस बार भी वो पवन गुप्ता के खिलाफ चुनाव लड़ने को तैयार थी लेकिन इस बार ये दिलचस्प मुक़ाबला देखने को नहीं मिलेगा। ये बात सब भली भांति जानते है कि पूनम ग्रोवर के पति किशन ग्रोवर नगर परिषद की राजनीति के चाणक्य हैं। उनकी पत्नी बेशक पवन गुप्ता से चुनाव हार गई थी लेकिन पवन गुप्ता को अध्यक्ष पद से हटाकर उन्होने अपनी हार का बदला लेने मे कोई कसर नहीं छोडी।
पूर्व मे नगर परिषद के अध्यक्ष रहे कुल राकेश पंत का वार्ड 7 भी महिला एससी के लिए रिजर्व हो गया है। काफी समय से पंत नगर निगम बनाने को लेकर मुहिम छेड़े हुए है। फिलहाल वो भी इस रेस से बाहर हो गए है। उनके साथ लगता वार्ड 9 भी महिला के लिए आरक्षित हो गया है।
इस बार कांग्रेस से अध्यक्ष पद के दावेदार व 3 बार के विजेता रहे वार्ड 9 के पार्षद पुनीत शर्मा का वार्ड भी महिला के लिए आरक्षित होने से उन्हे भी झटका लगा है। हालांकि इस बार उनके चुनाव न लड़ने के भी कयास थे।
वार्ड 1 से कांग्रेस की पार्षद रही रेणु सेठी का वार्ड भी एससी रिजर्व होने से उनके सपनों के साकार होने में ब्रेक लग गई है। अगर इस बार अध्यक्ष पद महिला के लिए आरक्षित होता तो वो कांग्रेस की सबसे इस पद की दमदार उम्मीदवार होती।
चुनावों की तैयारी कर रहे वार्ड 1 के एससी रिजर्व होने से रेणु सेठी, प्रिंस, विजय को झटका लगा है। जबकि पूर्व मे पार्षद रही नीलम भी चुनाव नहीं लड़ेगी। क्योकि इस बार उनके पति मनीष जरूर चुनाव लड़ सकते है।
वार्ड 2 (महिला आरक्षित) होने से कांग्रेस से सुभाष वरमानी, जतिन साहनी, रोहित शर्मा भी चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। पहले कांग्रेस से उम्मीदवार रही राशि साहनी के भी चुनाव न लड़ने के बाद देखना होगा भाजपा की सुषमा शर्मा के खिलाफ किसे मैदान में उतारते है।
वार्ड 3 (ओपन वार्ड) कांग्रेस से पार्षद पार्वती तनवर और मनोनीत पार्षद गौरव के बीच मुक़ाबला लगभग तय है। जबकि मोंटू थापा, मनोज चुनाव लड़ेंगे या नहीं ये आने वाला समय बताएगा।
वार्ड 4 (ओपन वार्ड) से कांग्रेस से राजीव ठाकुर व भाजपा से वर्तमान में पार्षद स्वाति के बीच मुक़ाबला होने की उम्मीद है। जबकि रूप चंद व धर्मपाल के भी चुनाव लड़ने की उम्मीद है।
वार्ड 5 (ओपन वार्ड) से वर्तमान पार्षद प्रियंका पांजा के चुनाव नहीं लड़ने की उम्मीद है। जबकि इस बार पवन गुप्ता के इस वार्ड से चुनाव लड़ने की चर्चा है। अगर वो चुनाव लड़ते है तो भाजपा से प्रियंका पांजा, अमरदीप पांजा, मुकेश शर्मा (मुन्नू), संजीव मोहन को झटका लग सकता है।
जबकि भूषण परिवार का चुनाव को लेकर क्या निर्णय होगा ये इस पर सभी नजर रहेगी। सुशील चौधरी यहां से चुनाव लड़ सकते है।
वार्ड 6 (ओपन वार्ड) से इस बार भाजपा से भरत साहनी व कांग्रेस से विनेश धीर चुनाव लड़ सकते है। पूर्व मे पार्षद रही सत्या वर्मा इस बार चुनाव नहीं लड़ेगी।
वार्ड 7 महिला एससी के रिजर्व होने से सबसे ज्यादा नुकसान कुल राकेश पंत, वर्तमान मे पार्षद रहे मुकेश वर्मा व पूर्व पार्षद भूषण को हुआ है। उम्मीद है कि भूषण वार्ड 7 या 15 से अपनी पत्नी को चुनाव लड़ा सकते है।
वार्ड 8 के एससी रिजर्व होने से पवन गुप्ता चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। जबकि तैयारी कर रहे तिलक राज शर्मा, धर्मेन्द्र भी रेस से बाहर हो गए है। पूनम ग्रोवर यहां सबसे मजबूत उम्मीदवार है।
वार्ड 9 (महिला आरक्षित) होने से पुनीत शर्मा, शैलेंद्र गुप्ता, मनु शर्मा, कमल व शहरी कांग्रेस अध्यक्ष अंकुश सूद बाहर हो गए है । इस बार तृप्ता लांबा चुनाव मे उतर सकती है।
वार्ड 10 (महिला आरक्षित) पार्षद शशि इन्द्र सिंह व इस बार तैयारी कर रहे वीरेंद्र सूद व विवेक डोभाल को मायूसी हाथ लगी है। जबकि इस बार पूर्व पार्षद इंदु सूद का चुनाव में उतरना तय है। जबकि अंकुश सूद इस वार्ड से भी किस्मत आजमाना चाहते थे लेकिन वो भी अब इस दौड़ मे बाहर हो गए है।
वार्ड 11 (महिला आरक्षित) होने से वर्तमान अध्यक्ष देवेन्द्र ठाकुर के लिए ये किसी सदमे से कम नहीं। वही अश्वनी बतरा व एसपी शर्मा भी इस रेस से बाहर हो गए है। इस बार लौटरी कृष्णा ठाकुर के हाथ लग सकती है जबकि देवेन्द्र ठाकुर की बहू गीतांजलि ठाकुर भी इस बार चुनाव लड़ सकती है।
वार्ड 12 के ओपन होने से इस बार सुनील जग्गा का चुनाव मे उतरना तय है जबकि वर्तमान पार्षद मधु कौशिक शायद ही इस बार चुनाव लड़े। उषा शर्मा, ईश्वर दत, अनिल शर्मा इस बार अपना भाग्य आजमा सकते है।
वार्ड 13 (महिला आरक्षित) होने का फायदा 6 बार की विजेता मीरा आनंद को हुआ है। जबकि सावित्री सांख्यान भी इस बार चुनाव लड़ सकती है।
वार्ड 14 (ओपन वार्ड) मे इस बार राजीव कौड़ा व नरेश गांधी के बीच टक्कर तय है।
वार्ड 15 (महिला आरक्षित) मे इस बार हसरतें पाल रहे बादल नाहर के माथे पर चिंता की लकीरें देखी जा सकती है। इस बार फिर से उनकी धर्मपत्नी सोना नाहर चुनाव लड़ सकती है। जबकि पूजा हांडा व पूर्व पार्षद भूषण के पत्नी के नाम की भी चर्चा है।
इसके अलावा और भी गणमान्य उम्मीदवार हो सकते है जो चुनावी मैदान में उतरे लेकिन इस रोस्टर ने बहुतों के राजनैतिक कॅरियर जरूर खत्म कर दिए है।
लेकिन इस रोस्टर में सबसे दिलचस्प पहलू ये है कि हो सकता है ये रोस्टर सिर्फ कागजों तक ही सिमट कर रह जाए। क्योकि अगर नगर निगम बन गया तो ये रोस्टर कागज का टुकड़ा बनकर रह जाएगा और नए हिस्से जुडने से दुबारा से नया रोस्टर लागू होगा। सरकार ने भी निगम बनाने के लिए अधिसूचना जारी कर दी है और पंचायतों को 42 दिन के अंदर आपतियां दर्ज करने को बोल दिया है।
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