सोलन नगर निगम ने ईजाद किया ऐसा फार्मूला जो एक झटके में लगवा दे सबके मास्क, आप भी हो जाएंगे हैरान

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हिमाचल की हसीन वादियों मे अगर आप बस का सफर करते हुए आते है तो जैसे ही आप बस स्टैंड पर उतरेंगे वहां पर आपका स्वागत करने के लिए नगर निगम ने कोई कोर कसर नहीं छोड़ रखी हुई है। हसीन वादियों को चीरती खुशबूदार हवा कब आपके तन बदन मे परवाणु या शिमला से आते हुए सोलन मे हवा हवाई हो जाएगी पता ही नहीं चलेगा। सरकार को भी यहां पर लोगों को मास्क लगाने की अपील नहीं करनी पड़ रही है। खुद-ब-खुद लोग नाक को मास्क से या फिर चुन्नी या रुमाल से ढक रहे है।

जो काम अभी तक बड़े बड़े संस्थान नहीं कर सके वो सोलन नगर निगम ने कर दिखाया है। उन्होने मास्क लगवाने का ऐसा फार्मूला ईजाद किया है जो किसी को भी मास्क लगाने को मजबूर कर देगा।

ट्रायल के तौर पर सोलन नगर निगम ने नए बस अड्डा पर कूड़े के ढेर लगवाए उसके बाद उन्हे उठाया नहीं। उसके बाद पाया गया कि जो भी व्यक्ति बस स्टैंड आ रहा था या तो वो मास्क लगा रहा था या फिर रुमाल या चुनी से अपने मुंह को ढक रहा था। इस फार्मूले से खुश होकर इसका दूसरा ट्रायल भीड़भाड़ वाले इलाके मे भी किया जा सकता है। अगर ये वहां पर भी कामयाब हो गया तो इसे पूरे शहर मे लागू किया जा सकता है। हो सकता है सोलन नगर निगम इस फार्मूले को पेटेंट भी करवा ले अगर ऐसा हुआ तो आने वाले समय मे इस फार्मूले से आय मे भी वृद्धि हो जाए।

अगर सभी ट्रायल सफल रहे तो सरकार को सोलन नगर निगम के फार्मूले को पूरे हिमाचल मे लागू कर देना चाहिए जहां लोग मास्क लगाकर नहीं रहते है। बस करना क्या है कूड़े के ढेर लगाने है या फिर जो पहले से लगे है उन्हे उठाना नहीं है। अभी तक जो काम जो डंडे के दम पर नहीं हो रहा वो नगर निगम के आविष्कार किए हुए फार्मूले ने कर दिया। सरकार की टेंशन भी खत्म और ऐसे लोगो से भी छुटकारा मिल जाएगा जो मास्क नहीं लगाते है।

दरअसल सोलन के नए बस अड्डा मे कूड़े के बड़े-बड़े ढेर लगे हुए है जिन्हे उठाया ही नहीं गया है। लोगों ने कई बार नगर निगम के अधिकारियों से संपर्क लिया लेकिन नतीजा ठन-ठन गोपाल। इसके बाद तो ऐसा ही लगता है शायद जानबुझ कर नगर निगम ऐसा कर रहा हो लेकिन इतना जरूर है भाई ये सोलन के मालिक है ये वही करेंगे जो इनका मन होगा बाकी आप लगे रहो जो करना है करते रहो। देखते है कब इनके कान से मैल निकलेगी और ये लोगों की सुनेंगे।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक