Third Eye Today News

सोलन के JBT शशि पॉल को मिला राष्ट्रीय शिक्षक अवार्ड, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने किया सम्मानित

Spread the love

शिक्षा को सिर्फ पेशा नहीं, बल्कि सेवा मानने वाले हिमाचल प्रदेश के सोलन जिला के शिक्षक शशि पॉल को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रीय शिक्षक अवार्ड 2024 से सम्मानित किया है। नई दिल्ली में आयोजित शिक्षक दिवस समारोह में यह सम्मान उन्हें प्रदान किया गया। गौरतलब है कि शशि पॉल इस वर्ष हिमाचल प्रदेश से इस अवार्ड के लिए चयनित होने वाले एकमात्र शिक्षक हैं।

रामशहर तहसील के गांव भिनीजोरी के रहने वाले शशि पॉल ने 11 अगस्त 2011 को प्राथमिक विद्यालय नियारी से बतौर जेबीटी शिक्षक अपने करियर की शुरुआत की थी। शुरुआत से ही उनका संकल्प था कि कोई भी बच्चा आर्थिक तंगी या सीमित संसाधनों के कारण शिक्षा से वंचित न रहे।

पिछले 14 वर्षों के अध्यापन काल में शशि पॉल ने बहुस्तरीय शिक्षण रणनीतियां अपनाईं और शिक्षा को आनंददायक बनाने पर जोर दिया। उन्होंने बच्चों में खेलों के प्रति रुचि जगाने के लिए कुठाड़ प्राथमिक स्कूल में शतरंज और बैडमिंटन की कोचिंग दी, जिससे कई विद्यार्थी जिला और राज्य स्तर तक पहुंचे। वर्तमान में वह शमरोड़ स्कूल में सेवाएं दे रहे हैं और यहां उन्होंने बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के साथ-साथ 10 कम्प्यूटरों की आधुनिक आईसीटी लैब स्थापित करने में भी अहम भूमिका निभाई।

मार्च 2020 में लॉकडाउन के दौरान उन्होंने डिजिटल शिक्षा की पहल करते हुए व्हाट्सएप और गूगल मीट के जरिए ऑनलाइन कक्षाएं शुरू कर दी थीं। इसके अलावा, उन्होंने शिक्षक प्रदीप कुमार के साथ मिलकर प्राथमिक स्तर के बच्चों के लिए नि शुल्क ऑनलाइन कोचिंग शुरू की, ताकि वे प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर सकें।

उनकी इस पहल का बड़ा असर देखने को मिला। वर्ष 2021 से 2025 के बीच 211 छात्र जवाहर नवोदय विद्यालय में चयनित हुए, जबकि 24 छात्रों ने कुल 1.80 लाख रुपये की छात्रवृत्तियां हासिल कीं।

सम्मान मिलने पर शशि पॉल ने कहा की “यह अवार्ड सिर्फ मेरा नहीं, बल्कि मेरे परिवार, सहयोगियों और शिक्षा विभाग का है, जिन्होंने हमेशा मेरा साथ दिया। एनसीईआरटी और एससीईआरटी की कार्यशालाओं से लेकर 2024 में सिंगापुर विजिट तक, हर अनुभव ने मुझे नई दिशा दी। शशि पॉल की यह उपलब्धि न केवल सोलन बल्कि पूरे हिमाचल प्रदेश के लिए गर्व की बात है।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक