सोलन के पार्षद शिमला में कर रहे मौजमस्ती, लोग ढूंढ रहे सोलन में

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लोगों ने अपने पार्षद 7 अप्रैल को चुन लिए उन्हे उम्मीद थी की अब वो उनके बीच में रहेंगे लेकिन आजकल वो परिवार सहित शिमला आउटिंग में गए हुए है सोलन के लोग उन्हे यहां ढूंढ रहे है उन्हे समझ नहीं आ रहा है कि उन्होने सोलन के लिए पार्षद चुने थे या फिर शिमला के लिए। आज 8 दिन का समय हो गया है पार्षद बने हुए लेकिन वो है कि मिलने का नाम ही नहीं ले रहे। उन्हे उम्मीद है कि जल्द ही राजनीतिक ड्रामा खत्म होगा और वो अपने पार्षद से मिल सकेंगे।  नगर निगम के चुनाक 7 अप्रैल को गए और इसी दिन नतीजे भी आ गए। उसके बाद से ही सोलन निगम में सियासी ड्रामा देखने को मिल रहा है। नतीजों में कांग्रेस को 9 भाजपा को 7 व निर्दलीय की झोली में 1 सीट गई। कांग्रेस बहुमत के बाद भी डरी और सहमी हुई है उसे डर है कि कहीं भाजपा उनके किले में सेंधमारी न कर दे। इसी के चलते जीतने के बाद भी कांग्रेस पार्षद शिमला में डेरा डाले हुए है। हालांकि पिछले कल वो शपथ समारोह में भाग लेने आए लेकिन उसके बाद फिर अपने आकाओं के साथ शिमला रवाना हो गए। भाजपा के पार्षद अपनी तय नीति के साथ शपथ लेने नहीं पहुंचे। एक निर्दलीय भी उनके साथ ही है और वो भी भाजपा पार्षदों के साथ शिमला में ही है। दोनों ही पार्टियों के पार्षद शिमला में है एक सब पर बड़े नेता नजरे लगाए हुए है कि कहीं उनके किले में कोई सेंधमारी न कर दे। ज्यादा डर कांग्रेस के नेताओं को है क्योकि भाजपा के पास तो बहुमत है ही नहीं ऐसे में उनकी नजरे कांग्रेस के नाराज पार्षदों मे ही टिकी हुई है। उन्हे लगता है जिसे मेयर व डिप्टी मेयर के पद से महरूम रखा जाएगा वो उनके पक्ष में मतदान करेगा। इसी बात की चिंता कांग्रेस को भी सता रही है और इसी लिए उन्हे अपने साथ ही रखा हुआ है।

कसमों का दौर भी चला हुआ है। पार्षदों को शोघी स्तिथ तारादेवी मंदिर ले जाया गया है व पार्टी के पक्ष में मतदान की कसमें खिलाई गई है। यानि साफ जाहिर है कि कांग्रेस डर रही है। इसी कि आशंका जताते हुए सोलन नगर निगम प्रभारी राजिन्दर राणा ने भाजपा पर खरीद फरोख्त का भी आरोप लगाया था। हालांकि राणा अब इस बात को लेकर आश्वश्त नजर आ रहे है कि दलबदल कानून के तहत ऐसा करना पार्षदों के लिए आसान नहीं होगा क्योकि ऐसे में उन्हे अपनी सदस्यता जाने का डर लगा रहेगा।

अब देखना है कि 16 अप्रैल को जो समय दुबारा शपथ का दिया गया है उसमे भाजपा पार्षद किस रणनीति के साथ सोलन पहुँचते है व मेयर व डिप्टी मेयर बनने के कांग्रेस के सपने को धराशाई करते है।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक