सैनिटाइजर के ज्यादा इस्तेमाल से हाथ की त्वचा हो रही खराब, पीड़ित पहुंचे अस्पताल
कोविड के बीच जरूरत से ज्यादा सैनिटाइजर का इस्तेमाल करने से बद्दी में कंटेक्ट डरमोटाइटस रोग पांव पसार रहा है। हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले के अस्पतालों में रोजाना एक दर्जन से अधिक पीड़ित इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। जिला अस्पताल सोलन में आम दिनों में 15 से 20, कर्फ्यू के दौरान तीन से पांच लोग और बद्दी अस्पताल में रोजाना आधा दर्जन रोगी पहुंच रहे हैं। लगातार सैनिटाइजर इस्तेमाल करने से हाथ की स्किन खराब हो रही है। लगातार मास्क पहनने से दांत, मुंह के भीतर और मुंह पर फिंसियां हो रही हैं। लगातार ग्लव्स पहनना भी बीमारी को बढ़ावा दे रहा है।

कोरोना संक्रमण के बचाव के लिए लोग जरूरत से ज्यादा सैनिटाइजर का प्रयोग करने लगे हैं। सैनिटाइजर में अल्कोहल होता है। लोग कोई भी लेनदेन और कार्य करने के बाद सैनिटाइजर यूज कर लेते हैं। ऐसे में कई लोग कंटेक्ट डरमोटाइटस रोग की चपेट में आ रहे हैं। हालांकि, ये रोगी कम से कम सैनिटाइजर का प्रयोग करने और दवाई लेने के बाद ठीक हो रहे हैं। कुछ लोग दिन भर मास्क पहनते हैं। कार्बन डाईऑक्साइड गैस मास्क होने से मुंह के अंदर ही घुलती रहती है। लोगों के दांत, मुंह के भीतर छाले और मुंह के बाहर चेहरे में फिंसियां होने की रोग लग रहे हैं।

सैनिटाइजर कम, साबुन का ज्यादा करें इस्तेमाल
बद्दी अस्पताल के स्किन विशेषज्ञ डॉ. अंकुर ने बताया कि सैनिटाइजर का कम से कम इस्तेमाल करें। इसके स्थान पर साबुन से हाथ धोएं। ज्यादा सैनिटाइजर का प्रयोग करने से हाथों से नार्मल फंगल या लाभकारी बैैक्टीरिया को समाप्त हो रहे हैं। रोग फैलने पर हाथ की चमड़ी निकलना शुरू हो जाती है। मास्क का प्रयोग भी ज्यादा नहीं करना चाहिए। अकेले गाड़ी में मास्क का प्रयोग कम करें और अगर आप घर में अकेले हैं तो भी इसका प्रयोग न करें। बद्दी अस्पताल में आ रहे रोगी उपचार के बाद ठीक हो रहे हैं, लेकिन दोबारा जरूरत से ज्यादा सैनिटाइजर इस्तेमाल से रोग की चपेट में आ सकते हैं।


