सेब कलेक्शन सेंटर न खुलने से बागवानों का हो रहा नुकसान: चेतन बरागटा

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सेब कलेक्शन सेंटर समय पर न खुलने से बागवान सकते मे आ गया है।भाजपा प्रदेश प्रवक्ता चेतन बरागटा ने जारी प्रैस विज्ञप्ति में कहा कि सेब बाहुल्य क्षेत्रों में अभी तक सेब कलेक्शन सेंटर नही खुले है। जिस कारण बागवानों को भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि भारी बरसात के कारण बागवानों के सेब बागिचो की जमीन धसने से पौधे गिर रहे है और सेब ड्रॉप हो रहा है। भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि बागीचों में पतझड़ की समस्या विराट रूप ले चुकी हैं। इस कारण भी बागवानों के बहुत सेब झड़ रहे है। हालत ये है कि कई बागवानों ने तो सेब की बोरियां भर कर अपने घरों में रखी है,जो अब सड़ने लग गयी है।

गौरतलब है कि भारी बरसात के कारण बागवानों को अबकि बार अनेकों परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में सरकार को राहत के तौर पर तुरन्त प्रभाव से सेब कलेक्शन सेंटर खोल देने चाहिए। चेतन बरागटा ने कहा कि बार- बार आग्रह करने पर भी उद्यान विभाग पतझड़ से बचने के लिए बागवानों को भरपूर मात्रा में दवाइयाँ उपलब्ध नही करवा पा रहा है। यह एक गम्भीर चिंता का विषय है। सेब सीजन शुरु हो गया है ,पर सड़को की स्थिति ठीक नही है। अब परेशानी इस बात की है कि बागवान अपने उत्पाद मंडियों तक पहुंचाएं तो कैसे। सड़को के सुधारीकरण का कार्य कछुआ चाल से चल रहा है। क्षेत्र में स्थिति ये बनी हुई है कि आम जनता मूलभूत सुविधा जैसे बिजली,पानी ,सड़क,स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए जुझ रही है।

सरकार के मंत्री सचिवालय से बाहर निकलने में गुरेज कर रहे है। जनता की सुध लेने वाला कोई नही है। चेतन बरागटा ने प्रदेश मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुखु से मांग की है कि बागवानों के लिए शीध्र,अतिशीघ्र सेब कलेक्शन सेंटर खोले जाए। बागवानों को उद्यान विभाग में भरपूर मात्रा में दवाइयां उपलब्ध करवाई जाए तथा ग्रामीण सड़को पर युद्ध स्तर पर कार्य कर यातायात के लिए बहाल किया जाए। बिजली- पानी से महरूम जनता को जल्द ये सुविधाए सुचारु रूप से प्रदान की जाए।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक