सुप्रीम कोर्ट का निर्देश- सभी प्राइवेट अस्पतालो में वरिष्ठ नागरिकों को इलाज में दें प्राथमिकता
कोरोना वायरस के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट ने सभी प्राइवेट अस्पताल को निर्देश दिया है कि वरिष्ठ नागरिकों को इलाज में प्राथमिकता दें। वृद्धावस्था पेंशन और अन्य कल्याणकारी कदमों को लेकर दायर पूर्व कानून मंत्री डॉक्टर अश्वनी कुमार की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने यह निर्देश जारी किया। इससे पहले 4 अगस्त 2020 को सुप्रीम कोर्ट ने सरकारी अस्पतालों को यह निर्देश दिया था। मामले की सुनवाई जस्टिस अशोक भूषण और आर एस रेड्डी ने अपने 4 अगस्त 2020 के आदेश में संशोधन किया। अश्विनी कुमार ने यह भी बताया कि ओडिशा और पंजाब को छोड़ किसी और राज्य ने पहले दिए गए निर्देश पर कोई कदम नहीं उठाया है। शीर्ष कोर्ट ने इसके लिए अन्य राज्यों को तीन सप्ताह का समय दिया और जवाब देने का निर्देश जारी किया है।
बता दें कि अपने पिछले आदेश में कोर्ट ने सरकारी अस्पतालों को वृद्धजनों को प्राथमिकता देने को कहा था। कोर्ट ने कहा था कि वृद्धावस्था पेंशन के पात्र सभी बुजुर्ग लोगों को समय पर पेंशन दी जानी चाहिए और कोविड-19 महामारी के दौरान राज्यों को उन्हें आवश्यक दवाएं, सैनिटाइजर, मास्क और अन्य जरूरी चीजें देनी चाहिए। शीर्ष अदालत ने कहा था कि बुजुर्ग लोगों के कोरोनावायरस संक्रमण से ग्रस्त होने की ज्यादा संभावना को देखते हुए सरकारी अस्पतालों में इन्हें प्राथमिकता के आधार पर भर्ती करना चाहिए। अस्पताल के प्रशासन इनकी परेशानियों के निदान के लिए तत्काल कदम उठाएं।


