“सुख की सरकार, नया दौर सुख की सरकार” के केवल होर्डिंग, बागवान किसान परेशान : बिंदल

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• अभी तो शुरुवात, जब ठीक-ठाक बरसात होगी उस समय में सुख की सरकार क्या गुल खिलाएगी ?

शिमला, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ राजीव बिन्दल ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की सरकार जो सुखविन्द्र सुक्खू के नेतृत्व में बनी, हर मोर्चे पर विफल साबित हो रही है। सर्दी के महीनो में होने वाली बरसात मार्च के महीने तक नहीं हुई जिसके कारण हिमाचल प्रदेश के किसानो और बागवानों को भारी नुकसान हुआ। सभी जिलाधीशों को सरकार द्वारा निर्देश किए कि फसलों के नुकसान का आंकलन करे परन्तु किसान, बागवान को राहत के नाम पर कुछ नहीं मिला। उन्होनें कहा कि अप्रैल का महीना आते-आते हवा, आंधी, तूफान के साथ बरसात और ओलावृष्टि हुई जो बची हुई फसलें थी, उनको भी भारी नुकसान पहुंचा, परन्तु उस नुकसान की भरपाई के लिए भी कांग्रेस की सुक्खू सरकार ने किसानों, बागवानों की कोई मदद नहीं की।

डॉ बिन्दल ने कहा कि किसान, बागवान सिर्फ सड़कों के किनारे लगे हुए हजारों-लाखों बड़े-बड़े होर्डिंग्स को देखता रह गया जिस पर लिखा है ‘‘सुख की सरकार, नया दौर सुख की सरकार’’। जहां बागवान किसान को राहत के नाम पर ठेंगा। भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि पिछले हफ्ते 10 दिन में जो पहली बरसात हुई है उसमें वर्तमान सरकार के डिजास्टर मैनेजमैंट की धज्जियां उड़ गई, न सरकार बरसात के लिए तैयार थी और न ही प्रशासन को बरसात के लिए तैयार किया। प्रदेश के अनेक-अनेक इलाकों की सड़कें आज भी वाहनो की आवाजाही के लिए बंद है। डॉ बिन्दल ने कहा कि मण्डी और शिमला के उच्च मार्ग इस कदर प्रभावित हुए हैं कि हजार-हजार गाड़ियां सड़क के दोनों ओर खड़ी हैं और इसकी तस्वीरें मीडिया, सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है।

भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि अभी तो मानसून का आगाज भी नहीं हुआ है तो सरकार की हालत जनता के सामने आई है और जब ठीक-ठाक बरसात होगी उस समय में सुख की सरकार क्या गुल खिलाएगी यह मालूम नहीं। डॉ बिन्दल ने कहा कि किसानो, बागवानों को तुरंत राहत पहुंचाई जानी चाहिए। सुखे की राहत, ओलावृष्टि से हुए नुकसान की राहत और अब हो रही बरसात से हुए नुकसान की राहत। कांग्रेस पार्टी और इसके नेता किसानों के हितैषी बनने के लिए बयानबाजी करके जनता का ध्यान नहीं बंटा सकते हैं।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक