Third Eye Today News

सुखविंद्र सिंह सुक्खू समेत पांच छात्र नेता संजौली कॉलेज से निकल पहुंचे विधानसभा

Spread the love

हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस कॉलेज संजौली के एक साथ पांच छात्र नेता चुनाव जीतकर इस बार विधानसभा पहुंचे हैं। सुखविंद्र सिंह सुक्खू की कॉलेज स्तर की शिक्षा संजौली कॉलेज से हुई है। वह 1984 में एससीए अध्यक्ष, जबकि 1983 में एससीए के सचिव चुने गए थे। छात्र नेता के रूप में सक्रिय रहे इन पांचों नेताओं ने इसी कॉलेज से राजनीति की एबीसी सीखने के बाद सालों तक राजनीति में सक्रिय रहकर यह मुकाम हासिल किया है। संजौली कॉलेज से पढ़े सुखविंद्र सुक्खू प्रदेश के मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं। संजौली कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सीबी मेहता ने कहा कि गवर्नमेंट कॉलेज संजौली से सुखविंद्र सिंह सुक्खू के अलावा कुलदीप राठौर, हर्षवर्धन चौहान, इंद्र दत्त लखनपाल और लोकेंद्र सिंह ने अपनी शिक्षा पूरी की है। कॉलेज प्राचार्य डॉ. सीबी मेहता ने बताया कि मुख्यमंत्री सुखविंद्र सुक्खू के अलावा चार अन्य विधायक इसी कॉलेज से पढ़े हैं। सुक्खू 1981 से 1985 तक कॉलेज के छात्र रहे हैं। एनएसयूआई के सक्रिय नेता रहे। 1983 में सुक्खू एससीए के सचिव, जबकि 1984 में एससीए के अध्यक्ष चुने गए थे। ठियोग विधानसभा क्षेत्र से पहली बार विधायक चुने गए कुलदीप राठौर 1981-81 में एससीए के अध्यक्ष रहे। सिरमौर के शिलाई से छठी बार विधायक बने हर्षवर्धन चौहान ने संजौली कॉलेज में 1981 से 1985 तक पढ़ाई की है। बड़सर से विधायक चुने गए इंद्र दत्त लखनपाल ने भी 1981 से 1985 तक इसी कॉलेज से पढ़ाई पूरी की। वह भी एनएसयूआई के सक्रिय सदस्य रहे। वहीं, 2008-09 बैच के लोकिंद्र कुमार एसएफआई के छात्र नेता रहे हैं। वह इन चुनावों में वे आनी विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए हैं।
नाहन विधानसभा क्षेत्र में भाजपा के दिग्गज नेता, पूर्व स्वास्थ्य मंत्री एवं विधानसभा अध्यक्ष रहे डॉ. राजीव बिंदल को पराजित कर पहली बार विधायक बने अजय सोलंकी भी शिमला से पढ़े हैं। सोलंकी ने 1991 से 1995 तक राजीव गांधी महाविद्यालय कोटशेरा से कॉलेज स्तर की पढ़ाई पूरी की। इस दौरान एनएसयूआई इकाई के अध्यक्ष रहे। कॉलेज प्राचार्य डॉ. अनुपमा गर्ग ने कहा कि  सोलंकी छात्र राजनीति में सक्रिय रहे थे। मुख्यमंत्री बनने जा रहे सुखविंद्र सिंह सुक्खू की सबसे छोटी बहन सुदर्शना भंडारी हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में अनुभाग अधिकारी के पद पर तैनात हैं। सुदर्शना भंडारी ने कहा कि यह भाई की 39 सालों की कठिन राजनीतिक साधना का परिणाम है कि आज उन्हें प्रदेश के मुख्यमंत्री जैसे पद की जिम्मेदारी सौंपी है।  कहा कि हमने कांग्रेस हाईकमान पर ही फैसला छोड़ा था। जिसे भी मुख्यमंत्री बनाया जाता, हमें स्वीकार था। सुदर्शना ने कहा कि सुक्खू भाई का पूरा जीवन संघर्षपूर्ण रहा है। चुनौतियों और मुश्किलों का उन्होंने डटकर सामना किया और आगे बढ़ते गए। मुख्यमंत्री बनने के बाद से नादौन में उनके पैतृक गांव में जश्न का माहौल है। उन्हें भी शिमला से लगातार बधाई देने को कॉल आ रहे हैं।    

प्रदेश का नेतृत्व करने की बड़ी जिम्मेदारी मिलने पर वह सबको साथ लेकर चलने वाली सोच के साथ आगे बढ़ेंगे और प्रदेश को विकास की राह पर लेकर जाएं, यही कामना रहेगी। उन्होंने कहा कि भाई ने हमेशा दूसरों का भला करने की हमें सीख दी है। चार भाई बहनों में सुक्खू भाई ने परिवार की जिम्मेदारियों के साथ कांग्रेस के कर्मठ सिपाही की तरह हमेशा कार्य किया। 18 वर्ष से लेकर 57 साल तक की उम्र तक समर्पित होकर कार्य किया। प्रदेश के मुख्यमंत्री बनने के बाद वह कांग्रेस के किए गए सभी वादों को पूरा करने के लिए कार्य करेंगे। 

 

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक