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मुख्यमंत्री ने छः अत्याधुनिक मोबाइल फोरेंसिक वैन को झंडी दिखाकर रवाना किया

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मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने मंगलवार को अपने अधिकारिक आवास ओक ओवर शिमला से छह अत्याधुनिक मोबाइल फोरेंसिक वैन को झंडी दिखाकर रवाना किया। पहले चरण में ये वैन तीन जिला फोरेंसिक इकाइयों (बद्दी, नूरपुर और बिलासपुर), जुन्गा स्थित राज्य फोरेंसिक लैब और धर्मशाला व मंडी स्थित क्षेत्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशालाओं में तैनात की जाएंगी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने फोरेंसिक साक्ष्य संग्रह, संरक्षण और भंडारण (जांच अधिकारियों और चिकित्सा पेशेवरों के लिए मानक दिशा-निर्देश) नामक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) को भी लॉन्च किया तथा आपराधिक घटना स्थल का निरीक्षण करने वाले फोरेंसिक विशेषज्ञों के लिए जैकेट का अनावरण किया।  उन्होंने कहा कि इन अत्याधुनिक वाहनों का उपयोग जांचकर्ताओं की ओर से आपराधिक स्थल पर साक्ष्य इकट्ठा करने के लिए किया जाएगा। इससे कुशल, त्वरित तथा निपुणता से साक्ष्य का संरक्षण और वैज्ञानिक रूप से प्रसंस्करण और संग्रहण किया जाएगा। फोरेंसिक जांच को अत्याधुनिक तकनीकों से लैस किया जा रहा है। इससे सजा की दर में सुधार होगा और न्याय प्रणाली मजबूत होगी।

प्रत्येक वैन अत्याधुनिक फोरेंसिक उपकरणों से सुसज्जित
प्रत्येक वाहन की कीमत 65 लाख रुपये है और यह वैन, किट और ड्रग तथा विस्फोटक पहचान प्रणाली, फिंगर प्रिंट, फुट प्रिंट डवेल्पमेंट किट्स, डीएनए सैपलिंग किट्स, एरोजन किट, रेफ्रिजरेशन यूनिटस, पोर्टेबल पावर जनरेटर, साइबर फोरेंसिक सॉफ्टवेयर, उच्च रेजोल्यूशन वीडियो डॉक्यूमेंटेशन प्रणाली, माइक्रोस्कोप, जीपीएस के साथ बड़े वार्न कैमरा, डीएसएलआर कैमरा, सीसीटीवी फ्रंट एंड रियर एंड ऑफ व्हीकल और अन्य आवश्यक उपकरणों से लैस है। उन्होंने कहा कि फोरेंसिक विशेषज्ञ इंटेग्रेटिड किट में उपलब्ध लेटेंट फिंगरप्रिंट, जैविक तरल पदार्थ, बाल, कपड़ा फाइबर, गोली और विस्फोटक अवशेष, काटने के निशान, संदिग्ध दस्तावेज, टायर के निशान, जूते के निशान, नशीले पदार्थ और अन्य ट्रेस साक्ष्य से जांच को प्रभावशाली तरीके से कर पाएंगे। इन मोबाइल प्रयोगशालाओं का एक प्राथमिक उद्देश्य फोरेंसिक साक्ष्यों का तत्काल और दोषमुक्त संग्रह सुनिश्चित करना है, क्योंकि देरी से साक्ष्यों को एकत्रित करने से जांच प्रक्रिया बाधित होती है। उन्होंने कहा कि यह पहल सबूत इकट्ठा करने में अधिक पारदर्शिता और अपराध को साबित करने की प्रक्रिया को तेज करेगी।

यह पहल साक्ष्य संग्रह में अधिक पारदर्शिता लाएगी: सुक्खू
वर्तमान में बदलते आपराधिक मामलों के अनुरूप जांच तंत्र को भी उन्नत करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि यह पहल न केवल फोरेंसिक सेवाओं में तेजी लाएगी, बल्कि सटीक, विश्वसनीय साक्ष्य संग्रह सुनिश्चित करके अपराध सिद्ध करने में भी बढ़ावा देगी। उन्होंने कहा कि फोरेंसिक सेवा निदेशालय अब न केवल राज्य जांच एजेंसियों, बल्कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई), राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) जैसी केंद्रीय जांच एजेंसियों की जांच में मदद करता है।  विधायक संजय अवस्थी, मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार मीडिया नरेश चौहान, अतिरिक्त मुख्य सचिव के.के. पंत, डीजीपी अशोक तिवारी, फोरेंसिक सेवा निदेशालय की निदेशक डॉ. मीनाक्षी महाजन और अन्य वरिष्ठ अधिकारी इस अवसर पर उपस्थित थे।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक