साइबर क्राइम पर कार्यशाला का आयोजन

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पाइनग्रोव स्कूल धर्मपुर में साइबर क्राइम पर कार्यशाला का आयोजन किया गया | कार्यशाला को दो अलग-अलग सत्रों में रखा गया | पहला सत्र कक्षा 8 तक के विद्यार्थियों एवं अध्यापकों तथा दूसरा सत्र कक्षा 9-12 के विद्यार्थियों एवं अध्यापकों के लिए रखा गया था | डॉ० रक्षित टंडन ने कहा कि छोटे बच्चों के समक्ष आपराधिक जगत की कुछ बातों को साझा करना सहज एवं आवश्यक नहीं होता क्योंकि वे बहुत सी बातों के लिए अपरिपक्व होते हैं अतः उनके लिए अलग सत्र रखना सूझबूझ का परिचायक है | कार्यशाला में डॉ० रक्षित टंडनजो कि- हैकदेव टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड, हैकरशालाकोडस्नैग और हैकिंगब्राउल के निदेशक / सह-संस्थापक, इंटरनेट और मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया के सलाहकार, यूएनओडीसी संयुक्त राष्ट्र ड्रग्स और अपराध कार्यालय में प्रशिक्षण सलाहकार, महिलाओं और बच्चों के खिलाफ साइबर अपराध का मुकाबला करने के लिए जाट संयुक्त कार्रवाई दलके अध्यक्ष,अखिल भारतीय महिला शिक्षा कोष संघ के सलाहकार, बीपीआरडी ब्यूरो फॉर पुलिस रिसर्च एंड डेवलपमेंटभारत सरकारके लिए  रिसोर्स पर्सन हैं, नें  पाइनग्रोव स्कूल धर्मपुर के विद्यार्थियों एवं अध्यापकों को साइबर क्राइम जैसे ज्वलंत विषय से के खतरों व् सावधानियों से रूबरू किया | डॉ० रक्षित टंडन भारत सरकार के पुलिस विभाग एवं सी बी आई से भी सम्बंधित हैं एवं विभिन्न साइबर क्राइम के मसलों को सुलझाते हैं | इसके साथ-साथ डॉ० टंडन पूर्वोत्तर पुलिस अकादमी शिलांग, राजस्थान पुलिस अकादमी, इंदौर पुलिस रेडियो ट्रेनिंग स्कूल, केंद्रीय जासूसी प्रशिक्षण संस्थान गाजियाबाद,  चंडीगढ़ एवंजयपुर राष्ट्रीय जांच एजेंसी, बीआर अंबेडकर पुलिस अकादमी मुरादाबाद, गोवा पुलिस, सूरत पुलिस, नागपुर पुलिस व् सीबीआई अकादमी, मध्य प्रदेश पुलिस अकादमी-भोपाल में भी समय-समय पर पुलिस विभाग के लिए विभिन्न जागरूकता एवं साइबर प्रशिक्षण कार्यक्रम कर चुके हैं | डॉ० टंडन ऊपर लिखित संस्थाओं एवं पुलिस विभागों के साथजुड़े हैं एवं इनविभागों में जितने भी साइबर अपराध के मामले आते हैं आप उन्हें स्वतंत्र रूप से सुलझाते हैं | आप अब तक लगभग 45.50 लाख से अधिक बच्चों को साइबर क्राइम पर जागरूक कर चुके हैं | कार्यशाला में डॉ० टंडन नें बच्चों को ऑनलाइन खेले जाने वाले विभिन्न खेलों की लत लगने, उनसे खतरों, धोखाधड़ियों एवं सावधानियों के विषय में विस्तृत ज्ञान साझा किया | डॉ० टंडन नें विभिन्न समाचार पत्रों में छपी साइबर धोखाधड़ियों की ख़बरों को दिखाकर स्पष्ट किया कि किस प्रकार एक बच्चे नें अपनी अनभिज्ञता से अपने पिता के खाते से 10 लाख गँवा दिए, कैसे एक लड़के नें अपने पिता के लैपटॉप को इस्तेमाल करके उसमें ऑनलाइन गेम खेलने की भूल करके 30 करोड़ की फिरौती माँगने का रास्ता खोला | कैसे असुरक्षित लिंक पर मात्र क्लिक करने की गलती से  हजारों रूपए खाते से चुरा लिए गए | डॉ० टंडन नें डिस्कोर्ड, सोफोस, पब जी,ब्लू व्हेल चेलेंज, बलूगा, फोर्टनाईट, रोस्टिंग, माइनक्राफ्ट तथा अनेक अन्य ऐसे ऑनलाइन खेलों पर चर्चा की जिनकी न केवल लत लग जाती हैं बल्की वे हिंसक प्रवृत्ति को भी जन्म देते हैं | उन्होंने कहा कि कभी भी अपने अभद्र फोटो सोशल साइट्स पर न डाले, वे अवांछित रूप से प्रयोग किए जा सकते हैं | किसी के प्रति अभद्र कमेंट ना लिखें, साइबर क्राइम लॉ ऑफ़ इंडिया के तहत 3 साल की जेल एवं 1 लाख जुर्माना हो सकता है | आर डी पी कभी भी डाउनलोड न करे, फिशिंग, मैलीशिअस, मीन पेज, फ्री डिस्कोर्डनाइट्रो कोड से बचें | ऑनलाइन खेलने से पहले खेल खेलने की आयु सीमा जांच लें एवं उसकी अनुपालना करें | अपने फ़ोन में माइक्रोफोन का विकल्प बंद रखें | किसी अनजान के सन्देश का जवाब न दें | टू फेक्टर ओथेन्तिकेशन ज़रूर रखें | डॉ० टंडन नें www.cybercrime.com, फ़ोन नंबर 1930 भी सभी से साझा किया जिसे आवश्यकता के समय प्रयोग किया जा सकता है | डॉ० टंडन के साथ रूबरू होते हुए विद्यार्थियों एवं अध्यापकों को वर्तमान समय में साइबर क्राइम की बढ़ती दर, इसके खतरों एवं सावधानियों के विषय में विस्तृत जानकारी मिली | कार्यशाला के अंत में धन्यवाद ज्ञापन के पश्चात सभी विद्यार्थियों एवं अध्यापकों नें अपने-अपने स्थान पर खड़े होकर डॉ० टंडन का आभार व्यक्त किया | कार्यशाला में सभी अध्यापकों एवं अधिकारियों नें भी भाग लिया|

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक