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सराज में 1 हजार करोड़ का नुकसान BJP व समाजसेवी बने सहारा : जयराम

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हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में मानसून की तबाही के बीस दिन बाद भी हालात सामान्य नहीं हो पाए हैं। सराज विधानसभा क्षेत्र में सैकड़ों लोग अब भी अस्थायी शिविरों और ढांक-पनालियों में रहने को मजबूर हैं। न तो बिजली बहाल हुई है, न ही पेयजल योजनाएं सुचारू हो पाई हैं। सड़कों की स्थिति भी बदहाल है, जिससे गांवों का संपर्क पूरी तरह कट गया है। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर लौटने के बाद सरकार पर राहत कार्यों में लापरवाही और उदासीनता का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि सिराज क्षेत्र में अकेले एक हजार करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है, लेकिन राज्य सरकार की तरफ से अब तक कोई ठोस राहत या पुनर्वास योजना लागू नहीं की गई है।

जयराम ठाकुर ने बताया कि इस आपदा में सराज क्षेत्र के लगभग 500 मकान पूरी तरह से तबाह हो गए हैं, जबकि 700 मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। 1000 से ज्यादा पशुधन का नुकसान हुआ है और लगभग 100 पैदल पुल व 18 वाहन पुल पूरी तरह बह गए हैं। जल शक्ति विभाग की 260 योजनाओं में से 240 ठप पड़ी हैं, जिससे लोगों को पीने के पानी तक के लिए जूझना पड़ रहा है। 42 पंचायतों के लगभग 30 हजार लोग प्रभावित हैं। उन्होंने बताया कि शरण गांव पूरी तरह से खत्म हो गया है और बगस्याड, सुराह जैसे गांवों तक पहुंचना भी नामुमकिन हो गया है। थुनाग में करीब 200 दुकानें पूरी तरह तबाह हो चुकी हैं।

ठाकुर ने कहा कि राहत और पुनर्वास की प्रक्रिया बेहद धीमी है। सेब की फसल तैयार है, लेकिन सड़कों की हालत ऐसी है कि किसान अपना उत्पाद बाजार तक नहीं पहुंचा पा रहे हैं। पैदल चलने के रास्ते भी बर्बाद हो गए हैं। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि आपदा के नाम पर संस्थानों को शिफ्ट किया जा रहा है, लेकिन असली जरूरतमंदों तक कोई सहायता नहीं पहुंच रही। मुख्यमंत्री की तरफ से अब तक आपदा प्रभावितों के लिए किसी विशेष राहत पैकेज की घोषणा नहीं की गई है और वे अभी सोच-विचार में ही लगे हैं कि देना है या नहीं।

नेता प्रतिपक्ष ने सरकार से मांग की कि वह तत्काल आपदा प्रभावित क्षेत्रों में भूमि चयन कर कम्युनिटी सेंटरों का निर्माण करवाए, ताकि विस्थापित लोगों को सुरक्षित छत मिल सके। उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र सरकार की टीम ने बारिश खत्म होने से पहले ही क्षेत्र में पहुंचकर नुकसान का जायजा लिया था और केंद्र ने भी नुकसान को गंभीर माना है। अब राज्य सरकार को चाहिए कि वह विशेष पैकेज के लिए केंद्र से तत्काल मदद मांगे, ताकि पीड़ितों को राहत मिल सके। जयराम ठाकुर ने यह भी स्पष्ट किया कि यह समय राजनीति करने का नहीं, बल्कि जनहित में ठोस कार्य करने का है।

 

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक