सत्ता के आगे नहीं झुकीं इल्मा, चली गईं लंबी छुट्टी पर

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एक बार फिर कार्यपालिका ने सत्ता के नशे में चूर विधायिका के सामने घुटने टेक दिए। बद्दी की एसपी इल्मा अफरोज कुछ दिन के तनावपूर्ण माहौल को झेलने के बाद अंतत: लंबी छुट्टी पर चली गई हैं। अब उनका बद्दी से स्थानांतरण होना तय माना जा रहा है। दरअसल अपने अंत की ओर बढ़ रही यह कहानी अफसरों को अपने चाबुक के इशारे पर नचाने का प्रयास करने वाले सत्ताधीशों के अभिमान, अधिकाधिक धन कमाने की ललक और अपने रुतबे को बरकरार रखने की जद्दोजहद से शुरू हुई। कभी सुपरकॉप के नाम से चर्चित हो रहे बद्दी के एसपी गौरव सिंह के स्थानांतरण के खुलासे से सत्ताधारी भाजपा को कटघरे में खड़ा करने वाली कांग्रेस आज भाजपा के निशाने पर है। यानि कहानी वहीं लेकिन किरदार आपस में बदल गए हैं।

आईपीएस इल्मा अफरोज पर लगातार अपने मनमुताबिक काम करने के लिए दवाब बना रहे सत्ता पक्ष के नेता हत्थे से तब उखड़ गए जब इल्मा अफरोज के मातहतों ने बद्दी के एक सत्ताधारी की पत्नी के टिप्पर व जेसीबी पर ही अवैध खनन में अच्छा खासा जुर्माना ठोक दिया था। सत्ता पक्ष इल्मा अफरोज से नाराज तो था ही इसी बीच बद्दी में एक बड़ा कांड हो गया। कुछ ही दिन पहले खेड़ा राजपुर रोड पर एकबुलेट प्रुफ वाहन पर कई फायर झोंक दिए गए। इस मामले में पीड़ित स्क्रेब व्यापारी रामकिशन था। पुलसि ने मुकदमा दर्ज कर मामले की छानबीन को आगे बढ़ाया तो स्वयं को पीड़ित बताने वाला रामकिशन ही पूरे घटनाक्रम को सूत्रधार निकला।

पुलसि ने आनन फानन में फायरिंग के आरोपी को पकड़ा और उससे सख्ती से पूछताछ की तो उसने बताया कि रामकिशन ने उसे फायरिंग के लिए स्वयं ही अच्छी खासी रकम दी थी।

पुलिस ने इस पूरे घटनाक्रम से मीडिया के सामने पर्दा उठाते हुए बताया था कि स्क्रेप व्यापारी रामकिशन पुलिस से लगातार आल इंडिया गन लाइसैंस की मांग कर रहा था। लेकिन उसके पुराने रिकार्ड को देखते हुए पुलिस उसके आवेदन को स्वीकार नहीं कर रही थी। इसलिए पुलिस के सामने अपनी जान के खतरे को मजबूती से रखने के लिए रामकिशन ने स्वयं पर गोलियां चलवाईं। यह गोलियां जिस कार पर चलाई गई वह बुलेट प्रूफ थी। पुलिस ने मामले के आरोपी को तो गिरफ्तार किया ही झूठा केस दर्ज करवाने और इसकी साजिश स्वयं ही रखने के आरोप में रामकिशन पर भी केस दर्ज करने की बात कही थी।

सूत्रों के मुताबिक स्क्रेप व्यापारी रामकिशन कांग्रेस के एक बड़े नेता का नजदीकी है। इसलिए नेता जी इल्मा अफरोज पर लगातार इस मामले पर पर्दा डालने के लिए दवाब बनाने लगे। इसे ही मुद्दा बनाकर सत्ता पक्ष शिमला जा पहुंचा। सरकार के आदेश पर पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने इल्मा अफरोज को बुलाकर मामले पर बात की तो इल्मा ने पुलिस की जांच को रोकने से साफ मना कर दिया। इस पर उन्हें लंबी छुट्टी पर जाने के लिए कह दिया गया। बस इल्मा ने सत्ता के आगे झुकने के के बजाए लंबी छुट्टी या स्थानांतरण पर जाने के विकल्प को चुना।
फिलवक्त इल्मा लंबी छुट्टी पर हैं और बद्दी उनके स्थान पर नए आईपीएस का इंतजार कर रही है। बद्दी एसपी की नियुक्ति के नो महीने के कार्यकाल में इल्मा अफरोज का अधिकांश समय सत्ता और और अपने फर्ज के बीच सामंजस्य बिताते ही बीता।

वहीं इस पर मीडिया से बातचीत करते हुए पूर्व विधायक परमजीत सिंह पम्मी ने कहा है कि 9 माह 11 दिन के कार्यकाल में एसपी बद्दी इल्मा अफरोज ने नशा माफिया, जुआ माफिया,खनन माफिया पर बड़ी नकेल कसी थी उन्होंने प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर दंज कसते हुए कहा है कि एक बद्दी के नेता के कहने पर ईमानदार अधिकारी का इस तरह बेइज्जत करके ट्रांसफर करना बहुत ही दुख की बात है जिसके चलते बीबीएन के लोग खासे परेशान और निराशा है।

परमजीत सिंह पम्मी ने कहा कि एसपी ने अपने कार्यकाल के दौरान अच्छा सराहनीय कार्य किया था और जब से इल्मा अफरोज के यहां से जाने की बात सोशल मीडिया पर सामने आई है तब से जुआ माफिया द्वारा फिर से प्रवासियों को लूटने के लिए दिनदिहड़े गौरख धंधा शुरू कर दिया गया है। उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह ठाकुर से एक बार फिर ईमानदार अधिकारियों के तबादले को लेकर रोष व्यक्त करते हुए कहा है कि जब ईमानदार अधिकारियों का तबादला इस तरह किया जाता है तो उनका मनोबल भी टूटता है और आगे से वह अपना काम इमानदारी से करने में डरने लगते हैं। उन्होंने एसपी इल्मा अफरोज के इस तरह बेइज्जत कर ट्रांसफर को लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री को सोच समझकर विचार करने की सलाह दी है।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक