सतलुज में मिले तीन श#वों की शिनाख्त, समेज में तलाश जारी

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शिमला जिले के सुन्नी के दोघरी गांव के पास मंगलवार को सतलुज से एक और शव मिला। रामपुर से समेज गांव से लापता लोगों की तलाश में जुटी टीम ने शव निकालकर सुन्नी अस्पताल पहुंचाया। देर शाम शव की शिनाख्त सिद्धार्थ निवासी नंदरूल (कांगड़ा) के रूप में हुई। सिद्धार्थ समेज में ग्रीनको प्रोजेक्ट में काम करता था। 31 जुलाई की रात को श्रीखंड चोटी पर बादल फटने के बाद समेज खड्ड में आई बाढ़ के बाद सिद्धार्थ लापता था। वहीं, दो दिन पहले नदी में मिले दो और शवों की भी शिनाख्त हुई है। इनमें रचना निवासी कनराड़ सुग्गा रामपुर, प्रीतिका पुत्री राजकुमार पांडे निवासी झारखंड शामिल हैंडीएसपी नरेश शर्मा ने बताया कि ये दोनों भी समेज खड्ड में आई बाढ़ में बह गई थीं। समेज गांव से कुल 36 लोग लापता हुए थे। तीन शव बरामद होने के बाद लापता लोगों की संख्या 33 रह गई है। सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, होमगार्ड समेत पुलिस की 300 लोगों की टीम इनकी खोज में जुटी है। हालांकि, छह दिन से चल रहे सर्च ऑपरेशन के दौरान समेज गांव में एक भी लापता नहीं मिला है। रेस्क्यू दल ने यहां पर डेढ़ किमी के दायरे में मशीनों से 95 फीसदी क्षेत्र में खोदाई कर ली है। अब जिला प्रशासन लापता लोगों की तलाश में सतलुज किनारे भी सर्च अभियान तेज करेगा।  1 अगस्त को हुई बादल फटने की घटना के बाद रामपुर के समेज गांव में राहत और बचाव कार्य जारी है। उधर, भारी बारिश सर्च अभियान में बाधा बन रही है। भारी बारिश के कारण बचाव दल फंसा हुआ है।

खोजी कुत्ते की बताई जगह पर मिला महिला का शव
चौहार घाटी के राजबन गांव में लापता लोगों को ढूंढने के लिए चल रहे सर्च ऑपरेशन के छठे दिन मंगलवार महिला का शव बरामद हुआ। शव की पहचान खुड्डी देवी पुत्नी चंदन लाल के रूप में हुई है। एनडीआरएफ टीम को खोजी कुत्ते की बताई जगह पर महिला का शव मिला। टीम ने पहले चट्टान को ब्लॉस्टिंग कर तोड़ा, उसके बाद करीब 10 फुट तक खुदाई की तो शव बरामद हुआ। अब लापता हरदेव को ढूंढने के लिए अभियान चल रहा है।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक