सड़कों पर सड़ रहा HPMC सेब, बागवानों में बढ़ी पेमेंट न मिलने की चिंता
मानसून खत्म होने के बाद भी इस बार सेब सीजन अव्यवस्थित ही रहा। एक ओर जहां बाजार में सेब के दामों में भारी गिरावट आई, वहीं हिमाचल बागवानी उत्पाद विपणन एवं प्रसंस्करण निगम (HPMC) द्वारा किसानों से खरीदा गया हजारों टन सेब खरीद केंद्रों और सड़कों के किनारे सड़ता हुआ दिखाई दे रहा है। सेब की इस दुर्दशा का मुख्य कारण ट्रांसपोर्टेशन व्यवस्था का ठप्प होना और एचपीएमसी द्वारा समय पर नीलामी प्रक्रिया पूरी न कर पाना बताया जा रहा है।
भाजपा प्रवक्ता व बागवान चेतन बरागटा ने एचपीएमसी पर कुप्रबंधन का आरोप लगाते हुए कहा कि सड़कों पर पड़ा सेब बागवानों का है और यदि इसे समय पर नीलाम या प्रसंस्कृत नहीं किया गया तो आने वाले समय में बागवानों को पेमेंट भी नहीं मिल पाएगी। उन्होंने कहा कि एचपीएमसी पिछले वर्ष खरीदे गए सेब का भुगतान भी अब तक किसानों को नहीं कर पाया है। ऐसे में इस वर्ष सड़कों पर सड़ रहा सेब सरकार के लिए बड़े राजस्व घाटे का कारण बन रहा है।
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि समय पर एचपीएमसी खरीद केंद्र न खुलने, नीलामी में देरी और ट्रांसपोर्टेशन में अव्यवस्था के कारण बागवानों को मजबूरन खुले बाजारों में सी-ग्रेड सेब भेजना पड़ा। इस वजह से इस साल अच्छे सेब के दामों में भी भारी गिरावट रही और बागवानों को उनकी गुणवत्तापूर्ण फसल का उचित मूल्य नहीं मिल पाया।
अब तक एचपीएमसी प्रदेशभर में करीब 40 हजार मीट्रिक टन सेब खरीद चुका है। इनमें से लगभग 25 हजार मीट्रिक टन सेब का प्रसंस्करण निगम के प्रोसेसिंग प्लांट्स में होना था, जबकि शेष सेब को नीलामी के माध्यम से बेचा जाना है।