समाज में ऐसा वाक्य कम ही देखने को मिलता है जब कोई साल- ससुर अपनी विधवा बहू का दूसरा विवाह करवाए। लेकिन उपमण्डल सरकाघाट की रखोह पंचायत के गध्यानी गांव के सास संतोषी देवी और ससुर ब्रह्मदास ने अपनी विधवा बहू को बेटी की तरह रखा और अब उसकी शादी करवाकर उसे ससुराल विदा कर दिया।
संतोषी देवी और ब्रह्मदास ने डेढ़ साल पहले बेटे की आकस्मिक मौत हो गई थी और उनकी बहू विधवा हो गई थी। बहू के भविष्य को देखते हुए उन्होंने खुद उसकी दूसरी शादी करवा दी और डोली में बिठाकर उसके ससुराल हमीरपुर जिला के चबूतरा गांव के नरेंद्र कुमार पुत्र फितूरी राम के घर को विदा कर दिया। विवाह की सभी रस्मों को निभाते हुए लड़की के सास-ससुर ने माता-पिता की तरह हिन्दू रीति रिवाजों से विवाह को सम्पन्न कराया। गांव के मंदिर में विवाह की वेद सजाकर और अपने सगे संबंधियों की उपस्थिति में यह पुण्य कार्य सम्पन्न हुआ। ब्रह्मदास और संतोषी देवी के अपने घर में धाम का भी आयोजन किया व उनके सगे संबंधियों ने भी दिल-खोल कर लड़की और उसके दूल्हे को आशीर्वाद देने के बाद शगुन दिया। दुल्हन की शादी चार वर्ष पूर्व ब्रह्मदास के युवा बेटे के साथ हुई थी लेकिन मोहाली में एक दुर्घटना में उसका देहांत हो गया था।
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