Third Eye Today News

संजौली मस्जिद मामले में वक्फ बोर्ड को राहत, नगर निगम कोर्ट के फैसले पर जिला अदालत की रोक

Spread the love

संजौली स्थित मस्जिद को लेकर चल रहे विवाद में सोमवार को शिमला की जिला एवं सत्र अदालत में सुनवाई हुई। वक्फ बोर्ड बनाम नगर निगम शिमला मामले में अदालत ने नगर निगम आयुक्त की अदालत द्वारा मस्जिद को अवैध करार देते हुए गिराने के आदेश पर अंतरिम रोक (स्टे) लगा दी है। अब इस मामले की अगली सुनवाई 29 मई 2025 को होगी।

यह फैसला वक्फ बोर्ड के लिए बड़ी राहत माना जा रहा है जिसने मस्जिद को अवैध घोषित करने और ढहाने के आदेश को जिला अदालत में चुनौती दी थी। वक्फ बोर्ड का तर्क है कि मस्जिद का अस्तित्व 1947 से पहले का है और मौजूदा निर्माण मूल संरचना के पुनर्निर्माण के रूप में किया गया है।

बता दें कि शिमला के संजौली क्षेत्र में मस्जिद को लेकर लंबे समय से विवाद चला आ रहा है। 3 मई 2025 को नगर निगम आयुक्त भूपिंदर अत्री की अदालत ने मस्जिद को पूरी तरह अवैध करार देते हुए उसे गिराने का अंतिम आदेश दिया था। इससे पहले 5 अक्टूबर 2024 को निगम अदालत ने मस्जिद की ऊपरी तीन मंजिलों को गिराने का निर्देश दिया था लेकिन समय पर इस आदेश पर अमल नहीं हुआ। इसके चलते 3 मई को हुई सुनवाई में बची दो मंजिलों को भी अवैध ठहराते हुए उन्हें ढहाने का आदेश जारी किया गया।

 

सोमवार को हुई सुनवाई में वक्फ बोर्ड के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि मस्जिद ऐतिहासिक है और नया निर्माण पुराने ढांचे के नवीनीकरण के तहत हुआ है। इस पर अदालत ने सवाल किया कि यदि मस्जिद पहले से मौजूद थी तो पुनर्निर्माण के लिए नगर निगम से अनुमति क्यों नहीं ली गई।

संजौली मस्जिद का मामला पहली बार तब सुर्खियों में आया जब 29 अगस्त 2024 को शिमला के मल्याणा क्षेत्र में दो समुदायों के बीच झड़प हुई जिसमें एक व्यक्ति घायल हुआ था। इसके बाद 1 सितंबर को मस्जिद के बाहर तनाव की स्थिति बन गई और इसके निर्माण को लेकर सवाल उठने लगे।

11 सितंबर को हिंदू संगठनों ने मस्जिद में अवैध निर्माण के विरोध में प्रदर्शन किया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेड्स तोड़कर मस्जिद की ओर मार्च करने की कोशिश की, जिस पर पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा। इस हिंसक टकराव में कई प्रदर्शनकारी और पुलिसकर्मी घायल हुए थे।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक