धर्मशाला- कोरोना की तिसरी लहर से बचाव के लिए कोविड-19 नियमों के कारण शक्तिपीठों में कम श्रद्धालु उमड़ने की संभावना है। कांगड़ा जिला में श्रावण अष्टमी मेलों में अन्य राज्यों से प्रमुख शक्तिपीठ मंदिरों में दर्शन के लिए आने वाले श्रद्वालुओं के लिए 72 घंटे पूर्व कोविड-19 नेगेटिव रिपोर्ट अथवा वैक्सीन की दोनों डोज लेने का प्रमाण पत्र जरूरी है, उसी के आधार पर मंदिर में दर्शन के लिए पंजीकरण कांउटर पर पर्ची बनाई जाएगी। इस दर्शन पर्ची के बिना मंदिर में प्रवेश की इजाजत नहीं होगी। ऐसा फैसला जिला प्रशासन ने लिया है। इस फैसले को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाने के लिए इंटरनेट मीडिया का सहारा भी लिया जा रहा है। इंटरनेट मीडिया में इस संदेश में जनसंपर्क विभाग आगे फैला रहा है, ताकि यहां तक आने वाले श्रद्धालुओं को इस आदेश के बारे में जानकारी मिल जाए और उन्हें यहां आकर परेशानी न झेलनी पड़े। इसके अलावा सीमा पर भी सख्ती बढ़ा दी है।
कल से शुरू हो रहे श्रावण अष्टमी मेलों को लेकर प्रशासन तैयार
कल यानी नौ अगस्त से शुरू हो रहे श्रावण अष्टमी मेलों को लेकर प्रशासन तैयार हो गया है। प्रशासन ने लोगों को कोरोना की तीसरी लहर से बचाने के लिए भी जरूरी कदम उठाए हैं। उपायुक्त डा निपुण जिंदल ने देते हुए बताया कि मंदिर स्थल से एक से दो किलोमीटर की दूरी के भीतर ही खुली जगह पर श्रद्वालुओं की सुविधा के लिए पार्किंग, हेल्प डेस्क तथा पर्ची बनाने के लिए स्थान निर्धारित करने के निर्देश संबंधित एसडीएम, मंदिर अधिकारी तथा डीएसपी को दिए गए हैं। इसी स्थान पर श्रद्वालुओं के लिए पर्ची पंजीकरण कांउटर भी स्थापित करने के साथ साथ मंदिर में कोविड प्रोटोकॉल की अनुपालना के संबंध में नियमों को भी साइन बोर्ड के माध्यम से प्रदर्शित किया जाएगा। सभी औपचारिकताएं पूर्ण करने वाले श्रद्वालुओं के लिए दर्शन स्लिप बनाई जाएगी उसके आधार पर ही मंदिर में दर्शन करने की अनुमति मिलेगी।
लंगरों पर रहेगा प्रतिबंध व आरती के समय प्रवेश रहेगा वर्जित
श्रावण अष्टमी नवरात्र के दौरान लंगरों पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। इसके साथ ही आरती के समय भी मंदिरों में प्रवेश पूर्णतय वर्जित है। मंदिरों के खुलने का समय प्रातः चार बजे से रात्रि दस बजे तक निर्धारित किया गया है। श्रद्वालुओं को मंदिर में मूतियों को छूने तथा घंटियां इत्यादि बजाने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है इसके साथ ही प्रवेश तथा निकासी द्वार भी अलग अलग निर्धारित किए गए हैं।
20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक