शूलिनी विश्वविद्यालय में डॉन क्विहोटी किताब पर सत्र आयोजित
साहित्य में अब तक लिखी गई सबसे बेहतरीन किताबों में से एक, डॉन क्विहोटी पर एक सत्र का संचालन शूलिनी विश्वविद्यालय के लिबरल आर्ट्स एंड एन्सिएंट इंडियन विजडम फैकल्टी के डीन प्रो. मंजू जैदका द्वारा किया गया। यह आधुनिक उपन्यास का एक प्रोटोटाइप माना जाता है, इसने कई लेखकों और उनके लेखन को प्रभावित किया है।प्रो. मंजू ने पुस्तक पर एक विस्तृत भाषण दिया, जिसकी शुरुआत उस अवधि के सामान्य परिचय से हुई जिसमें यह लिखा गया था और लेखको के लिए आगे बढ़ रहा था। मूल रूप से स्पेनिश में लिखी गई यह पुस्तक 1605 में प्रकाशित हुई थी और इसका 60 विभिन्न भाषाओं में अनुवाद किया गया है।



