शिमला : सेब पेड़ कटान से नाखुश शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर CM से करेंगे बात
राजधानी के ऊपरी क्षेत्रो में वन विभाग की भूमि पर कब्जा कर लगाए गए सेब के पेड़ों को काटने का अभियान चलाया हुआ है और सैकड़ो पेड़ सेब के काटे जा रहे है। इसको लेकर जहां बागवान संघ ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने का एलान कर दिया है वहीं अब जुब्बल कोटखाई से विधायक और शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर भी हाईकोर्ट की कार्रवाई से नाखुश है और इस मामले को मुख्यमंत्री के समक्ष उठाने की बात कही है।
शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि कुछ न्यायालय के आदेशों पर ही यह कार्रवाई हो रही है। इससे पहले भी 2015 में इस तरह की कार्रवाई हुई थी उस समय कांग्रेस सरकार थी और मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने 5 बीघा तक की जमीन पर कोई कार्रवाई न करने की नीति बनाई थी लेकिन 2017 में सत्ता परिवर्तन हुआ और ये नीति नहीं बन पाई है।
रोहित ठाकुर ने कहा कि बागवान और क्षेत्र का प्रतिनिधि होने के नाते यह पीड़ा का विषय है। छोटे बागवान है जिसके पास कम भूमि है उन्हें राहत मिलनी चाहिए। मानसून में जहां पौधारोपण का समय होता है ऐसे में इस तरह से पेड़ काटना इस समय सही नहीं है जबकि वर्षा ऋतु में पेड़ लगाए जाते हैं। दूसरी तरफ मानवीय दृष्टिकोण को भी ध्यान में रखना चाहिए और इस समय सेब तैयार हो रहा है और मंडी में जाने लायक हो गया है। ऐसे में इस समय सेब के पेड़ों को काटने का समय सही नहीं था।
उन्होंने कहा कि इस विषय को लेकर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से बात करेंगे। जो छोटे किसान बागवान है जिनके पास पांच बीघा से कम भूमि है उन्हें राहत पहुंचाई जाए। हिमाचल प्रदेश में आई आपदा के बाद शिक्षा विभाग ने नदी नालों के पास स्कूलों के भवनों के निर्माण पर पूरी तरह से रोक लगा दी है अब कोई भी स्कूल के भवन नदी नालों के आस-पास नहीं बनाए जाएंगे।
शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि जिस तरह से बादल फट रहे है और नदी नालों के किनारे भारी नुकसान हो रहा है उसको देखते हुए शिक्षा विभाग ने नदी नालों के आस-पास स्कूल भवन बनने पर पूरी रोक लगा दी है। उन्होंने कहा कि यह केवल शिक्षा विभाग ही नहीं अन्य विभागों को भी नदी नालों के आसपास कोई भवन नहीं बनाने चाहिए।
वहीं केंद्र सरकार द्वारा मदद न मिलने पर भी रोहित ठाकुर ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा और कहा कि 2023 में आपदा आई उस समय हिमाचल प्रदेश को काफी मदद की जरूरत थी लेकिन 2025 में पैसा मिल रहा है। जब मदद की जरूरत हो उसे समय ही केंद्र को मदद करनी चाहिए। आपदा में सरकारी स्कूलों को भी काफी नुकसान हुआ है और वह जल्दी ही सिराज का दौरा करेंगे। उन्होंने कहा कि 10 के करीब स्कूल पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हुए हैं और इन स्कूलों को जल्द शुरू किया जाएगा इसके लिए वहां पर निजी भवनों को किराए पर लिया जाएगा।