शिमला में लगे सरकार के खिलाफ बैनर, भाजपाइयों के उड़े होश…

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 चुनावी वर्ष में राजधानी शिमला की सड़कों पर सरकार विरोधी बैनर लटके पाए जाने से भाजपाइयों व सत्तारूढ़ सरकारी एजेंसियों के होश उड़ गए। सरकारी एजेंसियां ये खंगाल रही है कि आखिर कौन चुपके से इन पोस्टरों को शहर के भीड़ भाड़ वाली जगह पर लगा रहा है। दरअसल बैनर में प्रदेश की कथित बदहाल शिक्षा व्यवस्था को उजागर किया गया है। ऐसा एक बड़ा बैनर ओल्ड बस स्टैंड के नजदीक शहर के मेन हाटस्पाट विक्ट्री टनल के गेट पर पाया गया है। शिमला शहर में प्रवेश करने वाले पर्यटक व आम जनमानस इसी सड़क से गुजरता है। बैनर में लिखा गया है कि बदहाल स्कूल, कमल का फूल। अहम बात यह है कि इस बैनर में ज्वालामुखी, चम्याणा व संदल के एक-एक स्कूल की तस्वीर को बदहालत में दर्शाया गया है। बैनर के नीचे लिखा गया है कि ये दीवार नहीं टूट रही, आपके बच्चों के सपने टूट रहे है। बैनर के नीचे किसी भी संस्था का उल्लेख नहीं किया गया है। 

बहरहाल सरकारी विरोधी इस तरह के बैनर सामने आने के बाद भाजपा ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई है। भाजपा ने इस तरह के बैनर लगाने के लिए आम आदमी पार्टी पर निशाना साधा है। पार्टी का आरोप है कि आप पार्टी सुनियोजित तरीके से शिक्षा व स्वास्थ्य व्यवस्था का मुद्दा बनाकर लोगों को गुमराह करने का प्रयास कर रही है। ऐसे में अंदेशा यह है कि उसकी तरफ से इस तरह के बैनर लगाए गए हैं। दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी ने इस तरह के बैनर लगाए जाने से साफ इंकार किया है। हालांकि प्रदेश में स्कूलों व चिकित्सा संस्थानों की हालत पर सवाल जरूर खड़े किए हैं। आप के प्रदेश प्रवक्ता गौरव शर्मा ने बताया कि प्रदेश में कहीं भी सरकार विरोधी बैनर लगाने में आप पार्टी का कोई हाथ नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता सरकार की बदहाल शिक्षा व्यवस्था से वाकिफ है और खुद इस तरह के बैनर लगा रही है। कहा कि आप विधानसभा चुनाव में शिक्षा के गिरते स्तर को चुनावी मुद्दा बनाएगी।  उधर, प्रदेश भाजपा सह मीडिया प्रभारी कर्ण नंदा ने कहा है कि सरकार विरोधी बैनर लगाए जाने को लेकर पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई गई है। इस मामले को नगर निगम शिमला के ध्यान में भी लाया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी प्रदेश में माहौल बिगाड़ने का प्रयास कर रही है। 

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक