शिमला में पर्यटकों का रूट डायवर्ट करने से भड़के कारोबारी, CM से हस्तक्षेप की उठाई मांग

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पहाड़ों की रानी शिमला में जाम की समस्या को देखते पुलिस द्वारा टूटीकंडी से पर्यटकों की बसों और गाड़ियों को बाईपास से भेजा जा रहा है। जिसके चलते कई राज्यों के ट्रैवल एजेंटों ने शिमला में अपनी गाड़ियां न भेजने का ऐलान कर दिया है। ऐसे में अब पर्यटन कारोबार पर संकट के बादल मंडराते हुए नजर आ रहे है। वहीं, रूट डायवर्ट करने पर शिमला के पर्यटन कारोबारी भी भड़क गए हैं और सरकार से पर्यटकों की गाड़ियों को बाईपास से न भेजकर शहर में प्रवेश देने की मांग उठाई है। 

टूरिज्म इंडस्ट्री स्टेक होल्डर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष माेहिंद्र सेठ ने कहा कि प्रदेश सरकार पर्यटन स्थलों को विकसित करने की बात कर रही है। लेकिन जो पर्यटन स्थल अभी मौजूद है, वहां पर सरकार मूलभूत सुविधाएं नहीं दे पा रही है। उन्होंने कहा कि शिमला शहर में हर साल लाखों पर्यटक घूमने आते हैं और यहां पर पुलिस द्वारा बैरिकेडिंग करके रूट डायवर्ट कर पर्यटकों को परेशान करने का काम किया जा रहा है।  उन्होंने कहा कि विंटर सीजन हो या समर, शहर में गाड़ियों को प्रवेश नहीं दिया जाता है। 

बाहरी राज्यों से जितने भी पर्यटकों की बसें या गाड़ी यहां आती है, उन्हें टूटीकंडी बाईपास से भेजा जाता है।  जबकि उन्हें शहर के होटलों में आना होता है।  जिससे पर्यटक खासे परेशान होते हैं और इसका गलत संदेश भी जाता है।  उन्होंने कहा कि पुलिस को चाहिए कि शहर के लिए ट्रैफिक प्लान तैयार करें। इसके अलावा उन्होंने शोघी बैरियर पर गाड़ियों के रोके जाने पर भी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि अन्य राज्यों में कि ई सर्विलांस के जरिए वाहनों पर नजर रखी जा रही है और यहां बैरियर पर गाड़ियों को रोका जा रहा है। जबकि परमाणु बैरियर पर ही गाड़ियों को रोक कर एक बार चेकिंग की जानी चाहिए। 

उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को लेकर वे मुख्यमंत्री से मिलेंगे और शहर में ट्रैफिक रूट को डायवर्ट न करने की मांग करेंगे। बता दें कि पर्यटन सीजन के दौरान राजधानी शिमला में वाहनों की आवाजाही काफी बढ़ जाती है। जिससे शहर में जाम की समस्या पैदा हो जाती है। ऐसे में पुलिस खासकर बाहरी राज्यों से आने वाले पर्यटकों की बसों को टूटीकंडी बाईपास से भेजती है। पर्यटकों को घूम कर शहर में प्रवेश करना पड़ता है। पुलिस की इस व्यवस्था से बाहरी राज्यों के ट्रैवल एजेंट नाखुश है। 

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक