शिमला में टीडीसैट ने आयोजित की ‘दूरसंचार, प्रसारण व साइबर धोखाधड़ी” विषय पर संगोष्ठी

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शिमला में टीडीसैट (Telecom Dispute Settlement and Appellate Tribunal) ने  “दूरसंचार, प्रसारण और साइबर क्षेत्र: विवाद और समाधान” विषय पर एक संगोष्ठी आयोजित की। इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम के मुख्य अतिथि माननीय  न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान, कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश, हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय थे।

कार्यक्रम में हिमाचल प्रदेश सरकार के महाधिवक्ता अनूप कुमार रतन और आईटी सचिव राखिल काहलों विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। टीडीसैट के अध्यक्ष माननीय न्यायमूर्ति डीएन पटेल ने स्वागत भाषण देकर इस कार्यक्रम की शुरुआत की। उन्होंने बताया कि टीडीसैट देशभर में इस तरह के सेमिनारों का आयोजन कर दूरसंचार, प्रसारण, और साइबर क्षेत्रों में जागरूकता फैलाने का कार्य करता है। उन्होंने टीडीसैट के अधिकार क्षेत्र और कुशल विवाद समाधान प्रणाली पर प्रकाश डाला।

 

मुख्य अतिथि माननीय न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान ने अपने उद्घाटन भाषण में टीडीसैट के प्रयासों की सराहना की और इसे देश के सर्वश्रेष्ठ न्यायाधिकरणों में से एक बताया। उन्होंने टीडीसैट के विवादों के त्वरित समाधान की प्रशंसा की और इसके बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने सुझाव दिया कि बढ़ते क्षेत्राधिकार को देखते हुए टीडीसैट में अतिरिक्त पदों को स्वीकृति दी जानी चाहिए, ताकि मामलों का शीघ्र निपटान सुनिश्चित हो सके।

महाधिवक्ता अनूप कुमार रतन ने इस अवसर पर साइबर धोखाधड़ी और उससे जुड़े उपचारात्मक उपायों पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इस तरह के सेमिनार न केवल वकीलों बल्कि आम जनता के लिए भी अत्यंत उपयोगी हैं। वहीं, आईटी सचिव राखिल काहलों ने हिमाचल प्रदेश सरकार के आईटी विभाग की परियोजनाओं जैसे भारतनेट और वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम पर प्रकाश डाला। उन्होंने एक सुरक्षित डिजिटल हिमाचल के निर्माण पर बल देते हुए साइबर अपराध पीड़ितों के लिए सरकार की प्रतिबद्धता व्यक्त की।

सेमिनार के बिजनेस सत्र का संचालन टेलीकॉम लॉयर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष मंजुल बाजपेयी ने किया। इस दौरान कई विशेषज्ञों ने अपने व्याख्यान प्रस्तुत किए
आदित्य वैभव सिंह ने “भारत में प्रतिस्पर्धा कानून और दूरसंचार नियामक व्यवस्था की परस्पर क्रिया” पर चर्चा की।
तेजवीर सिंह भाटिया ने “केबल उद्योग की गिरावट” पर प्रकाश डाला।
उपेन्द्र ठाकुर ने “साइबर हमले और सुरक्षा” विषय पर व्याख्यान दिया।
विभव श्रीवास्तव ने “आईटी अधिनियम के तहत साइबर अपराध के लिए उपचार” पर जानकारी साझा की।
कुणाल टंडन ने “साइबर कानून के तहत उपभोक्ताओं के लिए उपाय” विषय पर अपनी बात रखी।

हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री पीयूष वर्मा ने “दूरसंचार, प्रसारण और आईटी सेवाओं के उपभोक्ताओं के लिए कानूनी उपचार” पर चर्चा की। सत्र के अंत में प्रतिष्ठित पैनल ने लॉ कॉलेज के छात्रों सहित दर्शकों के सवालों का जवाब दिया। कार्यक्रम का समापन मंजुल बाजपेयी और नासिर हुसैन द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। इस संगोष्ठी में साइबर अपराध के प्रभाव और नागरिकों की सुरक्षा के उपायों पर जोर दिया गया। उपस्थित विशेषज्ञों ने इस बात पर बल दिया कि साइबर धोखाधड़ी से जुड़े मामलों में त्वरित उपचारात्मक उपाय लागू किए जाने चाहिए ताकि पीड़ितों को न्यूनतम समय में उनका नुकसान वापस मिल सके।

कार्यक्रम में न्यायाधीशों, वकीलों, सरकारी अधिकारियों, कानून के छात्रों और दूरसंचार, प्रसारण व आईटी क्षेत्रों के प्रतिनिधियों ने बड़ी संख्या में भाग लिया। यह संगोष्ठी हिमाचल प्रदेश में डिजिटल जागरूकता और सुरक्षा को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुई।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक