शिमला: निजी स्कूलों द्वारा बढ़ाई गई टयूशन फीस पर उच्चशिक्षा विभाग का एक्शन, जांच के दिये आदेश

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राजधानी शिमला के सात नामी स्कूलों द्वारा मनमानी कर बढ़ाई गई टयूशन फीस व अन्य चार्जिज की वसूली के अलावा ऑननलाइन कक्षाएं बंद करने को लेकर शिक्षा विभाग ने कड़ा संज्ञान लिया है। उच्चशिक्षा विभाग के निदेशक ने शिमला के डिप्टी डायरेक्टर को जांच के आदेश दिए हैं। यह जांच छात्र-अभिभावक मंच की शिकायत के बाद जारी की गई है।

मंच की शिकायत के अनुसार सरस्वती पैराडाइज पब्लिक स्कूल संजौली, दयानंद पब्लिक स्कूल शिमला, ऑकलैंड हाउस लक्कड़ बाजार, लॉरेटो कान्वेंट स्कूल भराड़ी, डीएवी सीनियर सैकेंडरी स्कूल लक्कड़ बाजार, डीएवी स्कूल टूटू व शिशु शिक्षा निकेतन स्कूल टूटू ने सरकार के निर्देशों की अवहेलना की है। इन स्कूलों की ओर से एनुअल चार्जिज को टयूशन फीस में जोड़ कर छात्रों से त्रैमासिक आधार पर वसूला जा रहा है। इसके अलावा इन निजी स्कूलों ने फीस जमा न करवाने वाले अभिभावकों के बच्चों को ऑनलाइन कक्षाओं से भी वंचित कर दिया गया है। इस पर कड़ा संज्ञान लेते हुए शिक्षा निदेशालय ने स्पष्ट किया है कि निजी स्कूलों को टयूशन फीस के अतिरिक्त अभिभावकों से किसी भी तरह की अन्य वसूली न करने के निर्देश हैं। टयूशन फीस भी केवल उन्हीं अभिभावकों से ली जा सकती है, जिनके बच्चों को ऑनलाइन शिक्षा प्रदान की जा रही है।

निदेशक ने डिप्टी डायरेक्टर को निर्देश दिए हैं कि 27 मई व 10 जून को जारी निर्देशों की अनुपालना न करने वाले स्कूलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। साथ ही रिपोर्ट को स्पष्ट सिफारिश सहित निदेशालय को प्रेषित करने को भी कहा गया है, ताकि दोषी स्कूलों के खिलाफ नियमानुसार विभागीय कार्रवाई अमल में लाई जा सके।

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