शिमला के निचले क्षेत्रों में किसान लसुहन की खेती से हुए मालामाल

शिमला जिला के निचले क्षेत्रों में करीब 137 हैक्टेयर भूमि पर लसुहन की खेती की जाती है और इन दिनों लसुहन की फसल तैयार होकर मंडियों में पहूंच रही है तथा किसानों को लसुहन के इस वर्ष अच्छे दाम मिलने से किसान मालामाल हो रहे हैं । गौर रहे कि लॉकडाउन होने के कारण फूल व पत्ता गोभी के उचित रेट मिलने से किसानों को इस वर्ष करारी चपत लगी है । अनेक किसानों द्वारा खेतों से गोभी उखाड़कर मवेशियों को खिलाई गई थी । प्रगतिशील किसान अतर सिंह ठाकुर का कहना है कि उनके द्वारा केवल एक मन लसुहन का बीज लगाया गया था जिसमें करीब 50 मन लसुहन की पैदावार हुई है । इन दिनों सोलन मार्किट में अच्छी क्वालिटी का लसुहन 80 से एक सौ रूपये प्रति किलोग्राम बिक रहा है ।
जिला कृषि अधिकारी शिमला डॉ0 मोहिन्द्र सिंह भवानी के अनुसार शिमला के निचले क्षेत्रों में करीब 1406 मिट्रिक टन लसुहन का उत्पादन होता है जिससे किसानों की आर्थिकी काफी मजबूत हुई है । इनका कहना है कि शिमला जिला में लसुहन का उत्पादन केवल चार ब्लॉक मशोबरा, बसंतपुर, रामपुर और चौपाल के नेरवा क्षेत्र में किया जाता है जिसमें अधिकतर लसुहन की काश्मीर किस्म उगाई जाती है ।
