शिक्षा व्यक्ति का आभूषण – डॉ. शांडिल

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स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता तथा श्रम एवं रोज़गार मंत्री कर्नल डॉ. धनीराम शांडिल ने कहा कि शिक्षा ऐसा आभूषण जो व्यक्ति को समाज में अलग पहचान दिलाने में अहम है। डॉ. शांडिल गत देर सांय सोलन के सोलन पब्लिक स्कूल के 5वें वार्षिक समारोह को सम्बोधित कर रहे थे।
डॉ. शांडिल ने कहा कि शिक्षा युवा को भविष्य का बेहतर नागरिक बनाती है। उन्होंने कहा कि शिक्षा युवा पीढ़ी को ज्ञान और संस्कार देकर मुश्किल समय में आगे बढ़ना सिखाती है। इस दिशा में अभिभावकों और अध्यापकों को मिलकर कार्य करना चाहिए। उन्होंने कहा कि अध्यापकों को यह सुनिश्चित बनाना होगा कि विद्यार्थी सीखी गई शिक्षा को अपने जीवन में उतारें।
डॉ. शांडिल ने कहा कि समारोह बच्चों के आत्मविश्वास को मज़बूत बनाते हैं। सांस्कृतिक कार्यक्रम और खेल-कूद गतिविधियां बच्चों के व्यक्तित्व में निखार लाकर उन्हें भविष्य के लिए तैयार करती हैं। उन्होंने आशा जताई कि आज का कार्यक्रम बच्चों में नए रुचि को सीखने की जिज्ञासा लाएगा।
स्वास्थ्य मंत्री ने इस अवसर पर विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्रों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया।
इस अवसर पर छात्रों द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए गए।
ले. जनरल (सेवानिवृत्त) एस.बी. सेहज पाल इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे।
बघाट बैंक के अध्यक्ष अरुण शर्मा, प्रदेश कांग्रेस समिति के महासचिव राहुल ठाकुर, खण्ड कांग्रेस समिति सोलन के अध्यक्ष संजीव ठाकुर, शहरी कांग्रेस सोलन के अध्यक्ष अंकुश सूद, नगर निगम सोलन के पार्षद सरदार सिंह ठाकुर, मनोनीत पार्षद पुनीत नारंग, प्रदेश खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति निगम निदेशक मण्डल के सदस्य जतिन साहनी, खण्ड कांग्रेस समिति सोलन के महासचिव कुनाल सूद, रोगी कल्याण समिति के सदस्य विनीश धीर, लोकेन्द्र शर्मा, संधीरा धोल्टा, अजय कंवर, सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य किरण सेहज पाल, पंजाब स्वास्थ्य सेवा के सेवानिवृत्त निदेशक गुरप्रीत सिंह संधु, सोलन पब्लिक स्कूल की प्रबंध निदेशक प्रीति कुमार, उपमण्डलाधिकारी सोलन कविता ठाकुर सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी, सोलन पब्लिक स्कूल के अध्यापक, छात्र व अभिभावक उपस्थित थे।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक