शिक्षक दिवस पर शूलिनी विश्वविद्यालय में वार्षिक मैराथन का आयोजन

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कोविड महामारी के कारण दो साल के अंतराल के बाद शूलिनी विश्वविद्यालय ने शिक्षक दिवस पर ”एक साथ पृथ्वी के लिए” विषय पर अपनी वार्षिक मैराथन की मेजबानी की।मैराथन  थोडो ग्राउंड से शूलिनी यूनिवर्सिटी कैंपस तक आयोजित की गयी  जो  की 16 किलोमीटर लंबा  रास्ता है। मैराथन शूलिनी विश्वविद्यालय के सभी शिक्षकों, कर्मचारियों और छात्रों के लिए आयोजित किया गया था ।कुलाधिपति प्रो. पी.के. खोसला ने मैराथन को झंडी दिखाकर रवाना किया। उन्होंने प्रतिभागियों को धरती माता के साथ-साथ अपनी भलाई के लिए दौड़ने के लिए भी प्रेरित किया।मैराथन में 10 अलग-अलग श्रेणियां थीं। छात्रों के लिए, पहली श्रेणी छात्र  इसके  विजेता ऋषभ वर्मा, उपविजेता साहिल कुमार थे। बालिका वर्ग में डेचेन विजेता रही और स्कार्मा उपविजेता रही। फैकल्टी एवं स्टाफ वर्ग, 35 वर्ष की आयु तक, पुरुष वर्ग में विजेता विनय ठाकुर, उपविजेता  दीपक, और बालिका वर्ग में विजेता भावना, और उपविजेता अवनी खोसला।

आयु वर्ग 35-45 में,  लीला धर और  सुरेश कुमार ने सामूहिक रूप से प्रथम पुरस्कार जीता, और उपविजेता संजय रहे। महिला वर्ग में, श्रीमती अंजू ने प्रथम पुरस्कार जीता, और उपविजेता श्रीमती एलिस थी। 45 से 60 वर्ष वर्ग में मैराथन प्रो. नरिंदर वर्मा ने जीती और उपविजेता प्रो. अतुल खोसला रहे। 60 साल से ऊपर वर्ग में , कर्नल नागियाल ने मैराथन जीता और उपविजेता ब्रिगेडियर एसडी मेहता ने जीता । प्रो. पी.के. खोसला को मैराथन के सबसे उत्कृष्ट प्रतिभागी के रूप में सम्मानित किया गया। विजेताओं को नकद पुरस्कार, मेडल और प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। पूरे कार्यक्रम का संचालन डीन स्टूडेंट्स वेलफेयर श्रीमती पूनम नंदा ने विश्वविद्यालय स्टाफ और छात्र स्वयंसेवकों के सहयोग से किया।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक