शास्त्री अध्यापकों के लिए B.Ed की अनिवार्यता गैर-कानूनी घोषित

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प्रदेश हाईकोर्ट ने शास्त्री अध्यापकों के पदों के लिए बीएड की अनिवार्यता को गैर-कानूनी करार देते हुए शास्त्री डिग्री धारकों को बड़ी राहत दी है। न्यायमूर्ति अजय मोहन गोयल ने शास्त्री अध्यापकों के लिए बीएड की शर्त को चुनौती देने वाली याचिकाओं का निपटारा करते हुए कहा कि सरकार बिना उचित प्रक्रिया और भर्ती एवं पदोन्नति नियमों में संशोधन किए मनमाने निर्णय नहीं ले सकती।

 हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि शास्त्री अध्यापकों की भर्ती में बीएड की अनिवार्यता तय करने के लिए नियमों में संशोधन आवश्यक है। याचिकाकर्ताओं ने 2023 में शिक्षा विभाग द्वारा शास्त्री पदों के लिए जारी अधिसूचना को चुनौती दी थी, जिसमें बीएड डिग्री को अनिवार्य बताया गया था। उन्होंने तर्क दिया कि यह शर्त बिना भर्ती नियमों में बदलाव किए लागू की गई, जिससे भर्ती प्रक्रिया में असमानता होगी।

 प्रार्थियों ने यह भी दलील दी कि बीएड डिग्री की अनिवार्यता लागू करने से उनके बाद शास्त्री और बीएड करने वाले जूनियर उम्मीदवार नियुक्त हो सकते हैं। इससे बैच वाइज भर्ती के सिद्धांतों का उल्लंघन होगा।

   इससे पहले, हाईकोर्ट की खंडपीठ ने 19 फरवरी 2020 की अधिसूचना को चुनौती देने वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया था। लेकिन इस बार एकलपीठ ने प्रार्थियों के पक्ष में निर्णय दिया। इस फैसले से सरकार को भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करने और शास्त्री अध्यापकों के लिए नियमों में संशोधन करने की आवश्यकता होगी।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक