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वृद्धाश्रम को ग्रांट न मिलने से बुजुर्गों की सेहत व कर्मचारियों की सैलरी पर संकट

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राज्य सरकार के बसंतपुर स्थित वृद्धाश्रम को ग्रांट न मिल पाने से वहां कर्मचारियों को वेतन और बुजुर्गों को दवा-ईलाज के लाले पड़ गए हैं। उमंग फाउंडेशन के अध्यक्ष प्रो. अजय श्रीवास्तव ने सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के सचिव आशीष सिंघमार को पत्र लिखकर तुरंत कार्रवाई की मांग की है।

अजय श्रीवास्तव ने कहा कि ग्रांट नहीं मिलने से वृद्धाश्रम के कर्मचारियों को 2 महीने से वेतन नहीं मिल रहा है। वृद्धाश्रम के पास बजट खत्म होने से बीमार बुजुर्गों को टेस्ट और इलाज के लिए आईजीएमसी शिमला नहीं ले जाया जा रहा है। इनमें से एक बुजुर्ग को पेशाब में खून आने की समस्या है जिसे तुरंत जांच और इलाज चाहिए।

उन्होंने बताया कि सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के इस वृद्धाश्रम में 5 नियमित, 2 दैनिक भोगी, आउटसोर्स पर 3 सफाई कर्मचारी एवं 4 सिक्योरिटी गार्ड हैं। वहां कुल 50 बुजुर्ग रहते हैं जिनमें से अधिकांश शारीरिक अथवा मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से ग्रस्त हैं।

बुजुर्गों को इमरजेंसी में अस्पताल ले जाने के लिए अनुबंध पर एक वाहन की व्यवस्था है। लेकिन  भुगतान की दिक्कतों के कारण आजकल वाहन भी उपलब्ध नहीं है। वृद्धाश्रम में राशन उधार पर आ रहा है। यदि वृद्धाश्रम को ग्रांट मिलने में और देरी हुई तो बुजुर्गों को भोजन मिलना बंद हो सकता है।

अजय श्रीवास्तव ने सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के सचिव को भेजे पत्र में मांग की है वृद्धाश्रम को ग्रांट तुरंत जारी की जाए। इस वृद्धाश्रम के साथ भेदभाव बंद कर सरकार नारी सेवा सदन तथा बाल आश्रम की तर्ज पर ग्रांट-इन- एड की जगह नियमित बजट आवंटित करे।

उल्लेखनीय है कि वृद्धाश्रम में बुजुर्गों के मानवाधिकारों के गंभीर उल्लंघन के मद्देनजर अजय श्रीवास्तव ने वर्ष 2012 में आवाज उठाई थी। हाईकोर्ट ने उनकी जनहित याचिका पर 4 जून 2015 को अपने फैसले में सरकार को कड़ी फटकार लगाते हुए बुजुर्गों के मानवाधिकारों की पूर्ण सुरक्षा और एक साल के भीतर वृद्धाश्रम का नया भवन बनाने के आदेश दिए थे। इसके बाद सरकार ने वृद्धाश्रम का नया आधुनिक भवन बनाया था।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक