विपक्ष ने विधानसभा में उठाया एसएमसी शिक्षकों के लिए नीति बनाने का मामला, सरकार ने दिया यह जवाब

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कांग्रेस विधायक विनय कुमार ने प्रश्नकाल के दौरान पूछा कि एसएमसी अध्यापकों के लिए सरकार कब तक नीति बना देगी, क्योंकि एसएमसी अध्यापकों को नीति न होने के कारण समस्या का सामना करना पड़ रहा है। शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर के विधानसभा में मौजूद नहीं होने के कारण उनके विभाग से संबंधित सवाल का जवाब देते हुए संसदीय कार्य मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि सरकार एसएमसी अध्यापकों के लिए नीति निर्धारण करना चाहती है। इसे लेकर सरकार गंभीर है। प्रदेश सरकार की गंभीरता का पता इस बात से चलता है कि मौजूदा वित्त वर्ष के बजट में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने एसएमसी शिक्षकों के वेतन में 500 प्रतिमाह की वृद्धि की थी।

कांग्रेस विधायक विनय कुमार ने प्रश्नकाल के दौरान पूछा कि एसएमसी अध्यापकों के लिए सरकार कब तक नीति बना देगी

इससे पहले पहली जुलाई 2012 को प्रदेश सरकार ने स्कूलों में शिक्षा को बाधित होने से बचाने के लिए पीरियड आधार पर एसएमसी शिक्षकों की नियुक्ति की थी। शिक्षकों की नियुक्ति केवल प्रदेश के जनजातीय एवं दुर्गम क्षेत्रों में की गई थी। उसके बाद 80 शिक्षकों के वेतन में वर्ष 2017 में 30 फीसद की वृद्धि की गई। उसके बाद वर्ष 2018 और 2019 में क्रमश: 20 20 फीसद मानदेय की वृद्धि की गई थी।

उन्होंने सदन को अवगत करवाया कि एसएमसी शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिए थे कि इन शिक्षकों को बाहर निकाला जाए। लेकिन सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के खिलाफ अपील की थी। लेकिन प्रदेश में कोरोना वायरस के कारण पैदा हुई स्थिति के चलते एसएमसी शिक्षकों के मामले की समीक्षा नहीं हो पाई, क्योंकि इस मामले में विधि विभाग से भी राय ली जानी है।

जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने सदन में कहा प्रदेश के लोगों को अगले साल 15 अगस्त तक शुद्ध पेयजल उपलब्ध होगा। इसके लिए विभाग की ओर से काम किया जा रहा है। भाजपा विधायक विनोद कुमार द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में महेंद्र सिंह का कहना था कि इस समय प्रदेश में 17 लाख नए नल लगाए जा चुके हैं। आने वाले समय में शेष घरों में भी नल लगाने का काम पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा प्रदेश में भाजपा सरकार बनने के बाद पेयजल उपलब्ध करवाने के काम में तेजी आई है। भाजपा विधायक विनोद कुमार ने कहा कि बग्गी सहित पांच पंचायतों में पेयजल की समस्या है। यहां के लोग पेयजल न मिलने से परेशान हैं। सरकार इस समस्या का शीघ्र समाधान करे।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक