विपक्षी पार्टियों ने किया राज्यसभा सत्र के बहिष्कार का ऐलान, ये रही वजह
सांसदों के निलंबन को लेकर विपक्ष ने राज्यसभा का बहिष्कार करने का फैसला किया है। राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आज़ाद ने आज कहा कि आठ सदस्यों के निलंबन को रद्द किए जाने तक विपक्ष सदन की कार्यवाही का बहिष्कार करेगा। उन्होंने कहा कि ‘हमने राज्यसभा में कांग्रेस पार्टी की तरफ से तीन महत्वपूर्ण मांगें रखी हैं: पहली मांग है कि सरकार एक नया बिल लाए जिसमें यह बात सुनिश्चित की जाए कि कोई भी प्राइवेट कंपनी MSP के नीचे किसानों से कोई उपज नहीं खरीद सकती हैं। हमारी दूसरी मांग है कि स्वामीनाथन फार्मूला के तहत MSP देश में तय हो. हमारी तीसरी मांग है कि भारत सरकार राज्य सरकार या फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया यह सुनिश्चित करें कि किसानों से निर्धारित MSP की रेट पर ही है उनकी उपज खरीदी जाए। जब तक यह तीनों मांगें नहीं मानी जातीं हम सदन की कार्यवाही का बहिष्कार करेंगे।
कांग्रेस के अलावा समाजवादी पार्टी, एनसीपी, डीएमके, तृणमूल कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, राजद आदि समेत सभी विपक्षी पार्टियों ने संसद के बचे हुए सत्र के बहिष्कार का ऐलान किया है। सभापति एम वेंकैया नायडू ने विपक्षी दलों के सदस्यों से सदन की कार्यवाही के बहिष्कार के अपने फैसले पर पुनर्विचार करने और चर्चा में भाग लेने की अपील की। नायडू ने सदन में कहा, ‘मैं सभी सदस्यों से अपील करता हूं कि वे बहिष्कार के अपने फैसले पर फिर से विचार करें और चर्चा में भाग लें।’ बता दें कि रविवार के हंगामे के बाद से आठ सासंदों को निलंबित कर दिया गया था, जो कल दिन से ही संसद परिसर में धरने पर बैठे हुए थे। हालांकि अब उन्होनें धरना समाप्त कर दिया है।